चल दिए हम ऐ ग़म-ए-आलम विदाअ'

चल दिए हम ऐ ग़म-ए-आलम विदाअ'

शोर-ए-मातम ता-कुजा मातम विदाअ'

जाते ही तेरे हर इक का कूच है

जाँ विदाअ' ओ दिल विदाअ' ओ दम विदाअ'

रोज़-ए-मय्यत भी नहीं कम ईद से

पहले रेहलत से हुआ हर ग़म विदाअ'

है क़यामत एक दिन उस का क़याम

दिल को कर ऐ तुर्रा-ए-ख़ुश-ख़म विदाअ'

उस का रस्ता कू-ए-ग़ैर और अपना ख़ुल्द

वो उधर रुख़्सत इधर हैं हम विदाअ'

ग़ैर की ख़ातिर है तो जाने भी दो

कीजिए उस को ख़ुश-ओ-ख़ुर्रम विदाअ'

हाए रे उम्र-ए-रवाँ का क़ाफ़िला

हर क़दम हर आन है हर दम विदाअ'

क्यूँ न हों आग़ोश-ए-हसरत सुब्ह-ओ-शाम

रोज़-ओ-शब आलम से है आलम विदाअ'

है ब-क़द्र-ए-हौसला याँ इत्तिफ़ाक़

जाम से हरगिज़ न होगा जम विदाअ'

सुन चुका हूँ मैं तिरा अज़्म-ए-सफ़र

आँख से मेरी न होगा नम विदाअ'

हसरत-ए-बे-इख़्तियारी देखना

तन से जाँ होती है क्या थम थम विदाअ'

अब कहाँ सब्र-ओ-क़रार-ओ-ताब-ओ-होश

साथ ही इस के हुए पैहम विदाअ'

ला तअय्युन बे निशानी ने किया

कीजिए आराम रुख़्सत रम विदाअ'

मोहलत-ए-रंग-ए-चमन ख़ूँ क्यूँ न हो

हो गई जब फ़ुर्सत-ए-शबनम विदाअ'

ऐ 'क़लक़' चलिए कि मंज़िल दूर है

हो रहेंगे यार सब बाहम विदाअ'

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