दहलीज Poetry (page 4)

मिरी ज़मीं पे लगी आप के नगर में लगी

फ़ातिमा हसन

ज़ेहन की आवारगी को भी पनाहें चाहिए

फ़ारूक़ शफ़क़

धीरे धीरे शाम का आँखों में हर मंज़र बुझा

फ़ारूक़ शफ़क़

बीते ख़्वाब की आदी आँखें कौन उन्हें समझाए

फरीहा नक़वी

याद आएँगे ज़माने को मिसालों के लिए

फ़ारिग़ बुख़ारी

रास्ता दे ऐ हुजूम-ए-शहर घर जाएँगे हम

फ़रहत एहसास

हिज्र की राख और विसाल के फूल

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

रख़्त-ए-सफ़र है इस में क़रीना भी चाहिए

फ़ैसल अजमी

हमारे शजरे बिखर गए हैं

फ़हीम शनास काज़मी

गलियों में भटकना रह-ए-आलाम में रहना

एजाज़ गुल

मुद्दतों के बा'द जब पहुँचा वो अपने गाँव में

एजाज़ तालिब

हवा ने इस्म कुछ ऐसा पढ़ा था

दिलावर अली आज़र

आसमाँ खोल दिया पैरों में राहें रख दीं

धीरेंद्र सिंह फ़य्याज़

अश्क मेरे अपने

दर्शिका वसानी

इस क़दर नाज़ है क्यूँ आप को यकताई का

दाग़ देहलवी

उन्हें ढूँडो

बुशरा एजाज़

आसमाँ है समुंदर पे छाया हुआ

बृजेश अम्बर

करूँ क्या सख़्त मुश्किल आ पड़ी है

बिल्क़ीस ख़ान

तंज़ की तेग़ मुझी पर सभी खींचे होंगे

बेकल उत्साही

ऐसा लगता है मुख़ालिफ़ है ख़ुदाई मेरी

बशीर सैफ़ी

तज़्किरे में तिरे इक नाम को यूँ जोड़ दिया

बशीर फ़ारूक़ी

उदासी आसमाँ है दिल मिरा कितना अकेला है

बशीर बद्र

कोई लश्कर कि धड़कते हुए ग़म आते हैं

बशीर बद्र

दिल से बे-सूद और जाँ से ख़राब

बकुल देव

मिलते जुलते हैं यहाँ लोग ज़रूरत के लिए

अज़हर नवाज़

कल परदेस में याद आएगी ध्यान में रख

अज़हर अदीब

आँख की दहलीज़ से उतरा तो सहरा हो गया

अय्यूब ख़ावर

वो रात नींद की दहलीज़ पर तमाम हुई

अतीक़ुल्लाह

कुछ और दिन अभी उस जा क़याम करना था

अतीक़ुल्लाह

कुछ और दिन अभी इस जा क़याम करना था

अतीक़ुल्लाह

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.