दिया Poetry (page 46)

वो ज़ार हूँ कि सर पे गुलिस्ताँ उठा लिया

हातिम अली मेहर

न दिया बोसा-ए-लब खा के क़सम भूल गए

हातिम अली मेहर

का'बा-ओ-बुत-ख़ाना वालों से जुदा बैठे हैं हम

हातिम अली मेहर

गुल-बाँग थी गुलों की हमारा तराना था

हातिम अली मेहर

दीदा-ए-जौहर से बीना हो गया

हातिम अली मेहर

बुतों का ज़िक्र करो वाइज़ ख़ुदा को किस ने देखा है

हातिम अली मेहर

चराग़ दिल का मुक़ाबिल हवा के रखते हैं

हस्तीमल हस्ती

इश्क़ आज़ार कर दिया जाए

हस्सान अहमद आवान

तेरी महफ़िल से उठाता ग़ैर मुझ को क्या मजाल

हसरत मोहानी

रानाई-ए-ख़याल को ठहरा दिया गुनाह

हसरत मोहानी

मानूस हो चला था तसल्ली से हाल-ए-दिल

हसरत मोहानी

'हसरत' बहुत है मर्तबा-ए-आशिक़ी बुलंद

हसरत मोहानी

दिलों को फ़िक्र-ए-दो-आलम से कर दिया आज़ाद

हसरत मोहानी

दिल को ख़याल-ए-यार ने मख़्मूर कर दिया

हसरत मोहानी

उन को जो शुग़्ल-ए-नाज़ से फ़ुर्सत न हो सकी

हसरत मोहानी

पैहम दिया प्याला-ए-मय बरमला दिया

हसरत मोहानी

निगाह-ए-यार जिसे आश्ना-ए-राज़ करे

हसरत मोहानी

हुस्न-ए-बे-परवा को ख़ुद-बीन ओ ख़ुद-आरा कर दिया

हसरत मोहानी

हम ने किस दिन तिरे कूचे में गुज़ारा न किया

हसरत मोहानी

हर हाल में रहा जो तिरा आसरा मुझे

हसरत मोहानी

दिल को ख़याल-ए-यार ने मख़्मूर कर दिया

हसरत मोहानी

सीना तो ढूँड लिया मुत्तसिल अपना हम ने

हसरत अज़ीमाबादी

ज़िंदगी क्या यूँही नाशाद करेगी मुझ को

हाशिम रज़ा जलालपुरी

ज़मीनों में सितारे बो रहा हूँ

हाशिम रज़ा जलालपुरी

ये उस की मर्ज़ी कि मैं उस का इंतिख़ाब न था

हाशिम रज़ा जलालपुरी

निगाहें झुक गईं आया शबाब आहिस्ता आहिस्ता

हाशिम अली ख़ाँ दिलाज़ाक

मोहब्बत का अजब ज़ाविया है

हसन रिज़वी

शाख़ से फूल को फिर जुदा कर दिया

हसन निज़ामी

मैं घर से ज़ेहन में कुछ सोचता निकल आया

हसन निज़ामी

गर्द-ए-शोहरत को भी दामन से लिपटने न दिया

हसन नईम

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.