दुश्मन Poetry (page 15)

रात का नाम सवेरा ही सही

हफ़ीज़ बनारसी

तुम अज़ीज़ और तुम्हारा ग़म भी अज़ीज़

हादी मछलीशहरी

यौम-ए-मई

हबीब जालिब

उट्ठो मरने का हक़ इस्तिमाल करो

हबीब जालिब

मुझ को दिमाग़-ए-शेवन-ओ-आह-ओ-फ़ुग़ाँ नहीं

हबीब अहमद सिद्दीक़ी

दिल के दामन में जो सरमाया-ए-अफ़्कार न था

गुहर खैराबादी

उस को मुझ से रुठा दिया किस ने

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

उल्फ़त ये छुपाएँ हम किसी की

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

हसरत ऐ जाँ शब-ए-जुदाई है

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

बात कुछ भी न थी फ़साना हुआ

गोर बचन सिंह दयाल मग़मूम

ख़ुदा गवाह कि दोनों हैं दुश्मन-ए-परवाज़

गोपाल मित्तल

इक छेड़ थी जफ़ाओं का तेरी गिला न था

गोपाल मित्तल

तेरे मेरे ख़्वाब जुदा

गिरिजा व्यास

तुझ से ऐ ज़िंदगी घबरा ही चले थे हम तो

ग़ुलाम मौला क़लक़

वही वा'दा है वही आरज़ू वही अपनी उम्र-ए-तमाम है

ग़ुलाम मौला क़लक़

न रहा शिकवा-ए-जफ़ा न रहा

ग़ुलाम मौला क़लक़

न पहुँचे हाथ जिस का ज़ोफ़ से ता-ज़ीस्त दामन तक

ग़ुलाम मौला क़लक़

कोई कैसा ही साबित हो तबीअ'त आ ही जाती है

ग़ुलाम मौला क़लक़

ग़ैर शायान-ए-रस्म-ओ-राह नहीं

ग़ुलाम मौला क़लक़

ऐ सितम-आज़मा जफ़ा कब तक

ग़ुलाम मौला क़लक़

ऐ ख़ार ख़ार-ए-हसरत क्या क्या फ़िगार हैं हम

ग़ुलाम मौला क़लक़

उस के होने से हुई है अपने होने की ख़बर

ग़ुलाम हुसैन साजिद

आज खुला दुश्मन के पीछे दुश्मन थे

ग़ुलाम हुसैन साजिद

किस ने दी आवाज़ ''सिपर की ओट में था''

ग़ुलाम हुसैन साजिद

एक घर अपने लिए तय्यार करना है मुझे

ग़ुलाम हुसैन साजिद

आइने में अक्स खिलता है गुल-ए-हैरत नहीं

ग़ुलाम हुसैन साजिद

ये तमन्ना नहीं कि मर जाएँ

ग़ज़नफ़र

किसी के नर्म तख़ातुब पे यूँ लगा मुझ को

ग़ज़नफ़र

बज़्म-ए-आलम में सदा हम भी नहीं तुम भी नहीं

ग़नी एजाज़

ये फ़ित्ना आदमी की ख़ाना-वीरानी को क्या कम है

ग़ालिब

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.