तुझ से ऐ ज़िंदगी घबरा ही चले थे हम तो
तुझ से ऐ ज़िंदगी घबरा ही चले थे हम तो
पर तशफ़्फ़ी है कि इक दुश्मन-ए-जाँ रखते हैं
(1024) Peoples Rate This
तुझ से ऐ ज़िंदगी घबरा ही चले थे हम तो
पर तशफ़्फ़ी है कि इक दुश्मन-ए-जाँ रखते हैं
(1024) Peoples Rate This