बानो ने कहा क़तरा नहीं शीर का है
और हाल बुरा असग़र-ए-दिल-गीर का है
शह बोले कि तुम सब्र करो शुक्र करो
कौसर में भी अब फ़ासला इक तीर का है
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Ahmad Faraz
Jaun Eliya
Mohsin Naqvi
Gulzar
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
Wasi Shah
Anwar Masood
Rahat Indori
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(692) Peoples Rate This
है अगर कुछ वफ़ा तो क्या कहने
किस वास्ते दी थीं हमें या-रब आँखें
जो कहता है वो करता है बर-अक्स उस के काम
ज़हे क़िस्मत कि उस के क़ैदियों में आ गए हम भी
तू देख तो उधर कि जो देखा न जाए फिर
लो जाइए बस ख़ुदा हमारा हाफ़िज़
न पहुँचे हाथ जिस का ज़ोफ़ से ता-ज़ीस्त दामन तक
सद-हैफ़ कि मय-नोश हुए हम कैसे
हर तरह से ज़ाएअ' है यहाँ हर औक़ात
फ़ानी के है नज़दीक बक़ा को भी फ़ना
मातम-ए-दीद है दीदार का ख़्वाहाँ होना
दुनिया का अजब रंग से देखा अंगेज़