दुनिया का अजब रंग से देखा अंगेज़
हर पा-ए-हिना-बस्ता सवार-ए-शबदेज़
हर ज़र्रा है ख़ुर्शीद-ए-क़यामत-अफ़रोज़
हर क़तरा है तूफ़ान-ए-ख़ुदी से लबरेज़
Mir Taqi Mir
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ऐ अब्र कहाँ तक तिरे रस्ते देखें
पहले रख ले तू अपने दिल पर हाथ
थक थक गए हैं आशिक़ दरमांदा-ए-फ़ुग़ाँ हो
तुझ से ऐ ज़िंदगी घबरा ही चले थे हम तो
न रहा शिकवा-ए-जफ़ा न रहा
गाहे तो करम हम पे भी फ़रमाएँ आप
मेहराब-ओ-मुसल्ला और ज़ाहिद भी वही
वाइ'ज़ ये मय-कदा है न मस्जिद कि इस जगह
ख़त ज़मीं पर न ऐ फ़ुसूँ-गर काट
राज़-ए-दिल दोस्त को सुना बैठे
किस वास्ते दी थीं हमें या-रब आँखें
आलूदा ख़यालात में तेरे हूँ मुदाम