जिन्न Poetry (page 25)

दिल पर लगा रही है वो नीची निगाह चोट

हफ़ीज़ जौनपुरी

दिल में हैं वस्ल के अरमान बहुत

हफ़ीज़ जौनपुरी

चाक-ए-दामाँ न रहा चाक-ए-गरेबाँ न रहा

हफ़ीज़ जौनपुरी

अफ़्सुर्दगी-ए-दिल से ये रंग है सुख़न में

हफ़ीज़ जौनपुरी

बसंती तराना

हफ़ीज़ जालंधरी

उन को जिगर की जुस्तुजू उन की नज़र को क्या करूँ

हफ़ीज़ जालंधरी

कल ज़रूर आओगे लेकिन आज क्या करूँ

हफ़ीज़ जालंधरी

उस से बढ़ कर किया मिलेगा और इनआम-ए-जुनूँ

हफ़ीज़ बनारसी

अश्क-ए-ग़म उक़्दा-कुशा-ए-ख़लिश-ए-जाँ निकला

हादी मछलीशहरी

शब कि मुतरिब था शराब-ए-नाब थी पैमाना था

हबीब मूसवी

हुए ख़ल्क़ जब से जहाँ में हम हवस-ए-नज़ारा-ए-यार है

हबीब मूसवी

दाग़-ए-दिल हैं ग़ैरत-ए-सद-लाला-ज़ार अब के बरस

हबीब मूसवी

बढ़ा दी इक नज़र में तू ने क्या तौक़ीर पत्थर की

हबीब मूसवी

ये कैफ़ कैफ़-ए-मोहब्बत है कोई क्या जाने

हबीब अशअर देहलवी

याद जो आए ख़ुद शरमाएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने

हबीब आरवी

उस का चेहरा भी चमक में न मिसाली निकला

गुलज़ार बुख़ारी

हम शाद हों क्या जब तक आज़ार सलामत है

गुलज़ार बुख़ारी

आँसू भी वही कर्ब के साए भी वही हैं

गुलनार आफ़रीन

आँख में अश्क लिए ख़ाक लिए दामन में

गुलनार आफ़रीन

आप ही नाख़ुदा रहा हूँ मैं

ग़ुलाम रसूल तारिक़

दर्द-ए-दिल के साथ क्या मेरे मसीहा कर दिया

गुहर खैराबादी

ऐ जुनूँ हाथ जो वो ज़ुल्फ़ न आई होती

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

नज़्ज़ारा-ए-रुख़-ए-साक़ी से मुझ को मस्ती है

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

क्यूँकर न ख़ुश हो सर मिरा लटक्का के दार में

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

हाथ से कुछ न तिरे ऐ मह-ए-कनआँ होगा

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

दुआएँ माँगीं हैं मुद्दतों तक झुका के सर हाथ उठा उठा कर

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

भूला है बा'द-ए-मर्ग मुझे दोस्त याँ तलक

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

फ़क़त इक शग़्ल बेकारी है अब बादा-कशी अपनी

गोपाल मित्तल

दिल जलाने से कहाँ दूर अंधेरा होगा

गोपाल मित्तल

न पहुँचे हाथ जिस का ज़ोफ़ से ता-ज़ीस्त दामन तक

ग़ुलाम मौला क़लक़

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.