जिन्न Poetry (page 26)

इक ख़लिश है मिरे बाहर मिरी दम-साज़ गिरी

ग़ुफ़रान अमजद

अजब इंक़लाब का दौर है कि हर एक सम्त फ़िशार है

ग़ुबार भट्टी

बस तेरे लिए उदास आँखें

ग़ालिब अयाज़

मैं ने जुनूँ से की जो 'असद' इल्तिमास-ए-रंग

ग़ालिब

लिखते रहे जुनूँ की हिकायात-ए-ख़ूँ-चकाँ

ग़ालिब

बक रहा हूँ जुनूँ में क्या क्या कुछ

ग़ालिब

ज़-बस-कि मश्क़-ए-तमाशा जुनूँ-अलामत है

ग़ालिब

सियाही जैसे गिर जाए दम-ए-तहरीर काग़ज़ पर

ग़ालिब

शौक़ हर रंग रक़ीब-ए-सर-ओ-सामाँ निकला

ग़ालिब

क़तरा-ए-मय बस-कि हैरत से नफ़स-परवर हुआ

ग़ालिब

नहीं है ज़ख़्म कोई बख़िये के दर-ख़ुर मिरे तन में

ग़ालिब

मस्ती ब-ज़ौक़-ए-ग़फ़लत-ए-साक़ी हलाक है

ग़ालिब

कहते हो न देंगे हम दिल अगर पड़ा पाया

ग़ालिब

जब तक दहान-ए-ज़ख़्म न पैदा करे कोई

ग़ालिब

इब्न-ए-मरयम हुआ करे कोई

ग़ालिब

हुस्न ग़म्ज़े की कशाकश से छुटा मेरे बअ'द

ग़ालिब

हम पर जफ़ा से तर्क-ए-वफ़ा का गुमाँ नहीं

ग़ालिब

हरीफ़-ए-मतलब-ए-मुश्किल नहीं फ़ुसून-ए-नियाज़

ग़ालिब

हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है नुमायाँ मुझ से

ग़ालिब

है आरमीदगी में निकोहिश बजा मुझे

ग़ालिब

गिला है शौक़ को दिल में भी तंगी-ए-जा का

ग़ालिब

गई वो बात कि हो गुफ़्तुगू तो क्यूँकर हो

ग़ालिब

दिया है दिल अगर उस को बशर है क्या कहिए

ग़ालिब

बिसात-ए-इज्ज़ में था एक दिल यक क़तरा ख़ूँ वो भी

ग़ालिब

बे-ए'तिदालियों से सुबुक सब में हम हुए

ग़ालिब

बाग़ पा कर ख़फ़क़ानी ये डराता है मुझे

ग़ालिब

'असद' हम वो जुनूँ-जौलाँ गदा-ए-बे-सर-ओ-पा हैं

ग़ालिब

आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए

ग़ालिब

दिल तमाम आईने तीरा कौन रौशन कौन

गौहर होशियारपुरी

दिल-ए-ग़म-ज़दा पे गुज़र गया है वो हादसा कि मिरे लिए

गणेश बिहारी तर्ज़

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.