मयस्सर Poetry (page 2)

अब ख़ाना-ब-दोशों का पता है न ख़बर है

तस्लीम इलाही ज़ुल्फ़ी

मिरी निगाह किसी ज़ाविए पे ठहरे भी

तारिक़ नईम

दिलों में बुग़्ज़ के ख़ाने न होते

तनवीर गौहर

दिल के भूले हुए अफ़्साने बहुत याद आए

तनवीर अहमद अल्वी

गोशे बदल बदल के हर इक रात काट दी

ताहिर फ़राज़

हिज्र में तेरे तसव्वुर का सहारा है बहुत

सय्यदा शान-ए-मेराज

हम को हवस-ए-जल्वा-गाह-ए-तूर नहीं है

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

दिल में उतरी है निगह रह गईं बाहर पलकें

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

हर एक चीज़ मयस्सर सिवाए बोसा है

सय्यद काशिफ़ रज़ा

हल्क़ा-ए-शाम-ओ-सहर से नहीं जाने वाला

सय्यद अमीन अशरफ़

ऐसी ख़ुशबू तू मुझे आज मयस्सर कर दे

सुमन ढींगरा दुग्गल

दस्तार-ए-एहतियात बचा कर न आएगा

सुल्तान अख़्तर

इक तिरा दर्द है तन्हाई है रुस्वाई है

सुलैमान अहमद मानी

इन दिनों तेज़ बहुत तेज़ है धारा मेरा

सुहैल अख़्तर

आँखों को मयस्सर कोई मंज़र ही नहीं था

सुहैल अहमद ज़ैदी

जो कुछ हुआ सो हुआ अब सवाल ही क्या है

सुहा मुजद्ददी

ज़र्द-चमेली

सूफ़िया अनजुम ताज

ये क्या कि इक जहाँ को करो वक़्फ़-ए-इज़्तिराब

सूफ़ी तबस्सुम

हज़ार गर्दिश-ए-शाम-ओ-सहर से गुज़रे हैं

सूफ़ी तबस्सुम

यूँ सुबुक-दोश हूँ जीने का भी इल्ज़ाम नहीं

सिराज लखनवी

हर चंद कि प्यारा था मैं सूरज की नज़र का

सिद्दीक़ अफ़ग़ानी

गिल भीक में लेते हैं जिस फूल से रानाई

शुजा

चश्म-ए-गर्दूं फिर तमाज़त अपनी बरसाने लगी

शोएब निज़ाम

अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में

शोएब बिन अज़ीज़

न करता ज़ब्त मैं नाला तो फिर ऐसा धुआँ होता

ज़ौक़

लेते ही दिल जो आशिक़-ए-दिल-सोज़ का चले

ज़ौक़

फैमली-प्लैनिंग

शौकत थानवी

निगाह को भी मयस्सर है दिल की गहराई

शौकत परदेसी

कुछ तो फ़ितरत से मिली दानाई

शौकत परदेसी

होने से मिरे फ़र्क़ ही पड़ता था भला क्या

शारिक़ कैफ़ी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.