पता Poetry (page 11)

मौसम से रंग-ओ-बू हैं ख़फ़ा देखते चलो

एहसान दानिश

वक़्त की सदियाँ

दाऊद ग़ाज़ी

सौग़ात

दाऊद ग़ाज़ी

मशवरा

दाऊद ग़ाज़ी

ढूँढने से यूँ तो इस दुनिया में क्या मिलता नहीं

दत्तात्रिया कैफ़ी

मिलाते हो उसी को ख़ाक में जो दिल से मिलता है

दाग़ देहलवी

ले चला जान मिरी रूठ के जाना तेरा

दाग़ देहलवी

भला हो पीर-ए-मुग़ाँ का इधर निगाह मिले

दाग़ देहलवी

आइना कौन है कुछ पता तो चले

चरण सिंह बशर

अब मुलाक़ात कहाँ शीशे से पैमाने से

बिस्मिल अज़ीमाबादी

सब उम्र तो जारी नहीं रहता है सफ़र भी

बिस्मिल आग़ाई

यूँ न जान अश्क हमें जो गया बाना न मिला

बिमल कृष्ण अश्क

कैसे कहें कि चार तरफ़ दायरा न था

बिमल कृष्ण अश्क

ज़रा सी देर भी रुकता तो कुछ पता चलता

बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन

मिरी हथेली में लिक्खा हुआ दिखाई दे

बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन

हमारी जागती आँखों में ख़्वाब सा क्या था

बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन

किसी भी सम्त निकलूँ मेरा पीछा रोज़ होता है

भारत भूषण पन्त

ख़ुद पर जो ए'तिमाद था झूटा निकल गया

भारत भूषण पन्त

जुस्तुजू मेरी कहीं थी और मैं भटका कहीं

भारत भूषण पन्त

दीद की तमन्ना में आँख भर के रोए थे

भारत भूषण पन्त

ये जो चेहरों पे लिए गर्द-ए-अलम आते हैं

बेदिल हैदरी

तेरी उल्फ़त शोबदा-पर्वाज़ है

बेदम शाह वारसी

मुझे जल्वों की उस के तमीज़ हो क्या मेरे होश-ओ-हवास बचा ही नहीं

बेदम शाह वारसी

बहुत दिनों से मिरे साथ थी मगर कल शाम

बशीर बद्र

सर-ए-राह कुछ भी कहा नहीं कभी उस के घर मैं गया नहीं

बशीर बद्र

सर पे इक साएबाँ तो रहने दे

बशीर मुंज़िर

बहुत था ख़ौफ़ जिस का फिर वही क़िस्सा निकल आया

बशर नवाज़

यूँ भी होने का पता देते हैं

बाक़ी सिद्दीक़ी

यूँ भी होने का पता देते हैं

बाक़ी सिद्दीक़ी

तुम कब थे क़रीब इतने मैं कब दूर रहा हूँ

बाक़ी सिद्दीक़ी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.