पत्थर Poetry (page 24)

सभी तो दोस्त हैं क्यूँ शक अबस हुआ मुझ को

हैदर अली जाफ़री

मता-ए-दर्द का ख़ूगर मिरी तलाश में है

हैदर अली जाफ़री

होता फ़नकार-ए-जदीद और न शाएर होता

हैदर अली जाफ़री

हुबाब-आसा में दम भरता हूँ तेरी आश्नाई का

हैदर अली आतिश

बुलबुल गुलों से देख के तुझ को बिगड़ गया

हैदर अली आतिश

आज यूँ दर्द तिरा दिल के उफ़ुक़ पर चमका

हाफ़िज़ लुधियानवी

नाज़नीं जिन के कुछ नियाज़ नहीं

हफ़ीज़ जौनपुरी

आख़िरी रात

हफ़ीज़ जालंधरी

इश्क़ ने हुस्न की बे-दाद पे रोना चाहा

हफ़ीज़ जालंधरी

हमारे अहद का मंज़र अजीब मंज़र है

हफ़ीज़ बनारसी

अहद-ए-सज़ा

हबीब जालिब

किसी की जुब्बा-साई से कभी घिसता नहीं पत्थर

हबीब मूसवी

है निगहबाँ रुख़ का ख़ाल-रू-ए-दोस्त

हबीब मूसवी

बढ़ा दी इक नज़र में तू ने क्या तौक़ीर पत्थर की

हबीब मूसवी

अक़्ल पर पत्थर पड़े उल्फ़त में दीवाना हुआ

हबीब मूसवी

तुझ से उम्मीद क्या लगा बैठे

हबीब कैफ़ी

ज़ाहिर मुसाफ़िरों का हुनर हो नहीं रहा

गुलज़ार बुख़ारी

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई

गुलज़ार

मैं ग़र्क़ वहाँ प्यास के पैकर की तरह था

गुहर खैराबादी

मिस्ल-ए-तिफ़्लाँ वहशियों से ज़िद है चर्ख़-ए-पीर को

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

दिल में ये एक डर है बराबर बना हुआ

गोविन्द गुलशन

जो शुआ-ए-लब है मौज-ए-नौ-बहार-ए-नग़्मा है

गोपाल मित्तल

मिरी सिफ़ात का जब उस ने ए'तिराफ़ किया

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

हैं और कई रेत के तूफ़ाँ मिरे आगे

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

आगे आगे शर फैलाता जाता हूँ

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

वो लोग मुतमइन हैं कि पत्थर हैं उन के पास

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

कहते हैं इन शाख़ों पर फल फूल भी आते थे

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

वादे यख़-बस्ता कमरों के अंदर गिरते हैं

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

किताब-ए-आरज़ू के गुम-शुदा कुछ बाब रक्खे हैं

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

हम ने तो बे-शुमार बहाने बनाए हैं

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.