पत्थर Poetry

क्यूँ मसाफ़त में न आए याद अपना घर मुझे

फ़ौक़ लुधियानवी

पतझड़ का मौसम था लेकिन शाख़ पे तन्हा फूल खिला था

बिमल कृष्ण अश्क

वो निशाना भी ख़ता जाता तो बेहतर होता

अब्दुल्लाह कमाल

ज़मीं से ता-ब-फ़लक कोई फ़ासला भी नहीं

आरिफ़ अब्दुल मतीन

हर मुलाक़ात में लगते हैं वो बेगाने से

ए जी जोश

प्यार के खट्टे-मीठे नामे वो लिखती है मैं पढ़ता हूँ

बशीर दादा

यहाँ-वहाँ से इधर-उधर से न जाने कैसे कहाँ से निकले

आफ़्ताब शकील

चाँद तारे जिसे हर शब देखें

अनवर अंजुम

रोने वालों ने तिरे ग़म को सराहा ही नहीं

बिमल कृष्ण अश्क

इमारत हो कि ग़ुर्बत बोलती है

वलीउल्लाह वली

ग़ज़ल की चाहतों अशआ'र की जागीर वाले हैं

वरुन आनन्द

वो आलम ख़्वाब का था

हारिस ख़लीक़

तेरी याद

इमरान शनावर

फिर ये मुमकिन ही नहीं है कि सँभालो मुझ को

नूर अँधेरे की फ़सीलों पे सजा देता हूँ

बेचैनी के लम्हे साँसें पत्थर की

ज़ुल्फ़िकार नक़वी

तुम जो छालों की बात करते हो

ज़ुल्फ़िकार नक़वी

बेचैनी के लम्हे साँसें पत्थर की

ज़ुल्फ़िकार नक़वी

वो कहते हैं कि हम को उस के मरने पर तअ'ज्जुब है

ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

काम हैं और ज़रूरी कई करने के लिए

ज़ुहूर-उल-इस्लाम जावेद

रक्खा नहीं ग़ुर्बत ने किसी इक का भरम भी

ज़ुहूर नज़र

सियाह पट्टी

ज़ुबैर रिज़वी

नज़्म

ज़ुबैर रिज़वी

तमाम रास्ता फूलों भरा तुम्हारा था

ज़ुबैर रिज़वी

कोई चेहरा न सदा कोई न पैकर होगा

ज़ुबैर रिज़वी

हर क़दम सैल-ए-हवादिस से बचाया है मुझे

ज़ुबैर रिज़वी

भूली-बिसरी हुई यादों में कसक है कितनी

ज़ुबैर रिज़वी

इस दर का हो या उस दर का हर पत्थर पत्थर है लेकिन

ज़ुबैर अली ताबिश

पहले मुफ़्त में प्यास बटेगी

ज़ुबैर अली ताबिश

बड़ा शहर

ज़िया जालंधरी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.