सनम Poetry (page 6)

बुत-परस्ती के सनम-ख़ाने का आसार न तोड़

साहिर देहल्वी

दुरुस्त है कि मिरा हाल अब ज़ुबूँ भी नहीं

सफ़दर मीर

मुसव्विर अपने तसव्वुर का ढूँढता है दवाम

सईदुल ज़फर चुग़ताई

यगाना बन के हो जाए वो बेगाना तो क्या होगा

सबा अकबराबादी

कारवाँ लुट गया राहबर छुट गया रात तारीक है ग़म का यारा नहीं

सबा अफ़ग़ानी

उस हुस्न का शैदा हूँ उस हुस्न का दीवाना

रियाज़ ख़ैराबादी

हंस के पैमाना दिया ज़ालिम ने तरसाने के बा'द

रियाज़ ख़ैराबादी

था मुक़द्दम इश्क़-ए-बुत इस्लाम पर तिफ़्ली में भी

रिन्द लखनवी

ख़ामोश दाब-ए-इश्क़ को बुलबुल लिए हुए

रिन्द लखनवी

चुप हो क्यूँ ऐ पयम्बरान-ए-क़लम

रज़ा हमदानी

टुक तू महमिल का निशाँ दे जल्द ऐ सूरत ज़रा

रज़ा अज़ीमाबादी

ज़हर-ए-चश्म-ए-साक़ी में कुछ अजीब मस्ती है

रविश सिद्दीक़ी

लगी है भीड़ बड़ा मय-कदे का नाम भी है

रविश सिद्दीक़ी

क्या सितम कर गई ऐ दोस्त तिरी चश्म-ए-करम

रविश सिद्दीक़ी

कहने को सब फ़साना-ए-ग़ैब-ओ-शुहूद था

रविश सिद्दीक़ी

हुस्न-ए-असनाम ब-हर-लम्हा फ़ुज़ूँ है कि नहीं

रविश सिद्दीक़ी

आज़ार-ए-दिल से रंग-ए-तबीअ'त बदल गया

रऊफ़ यासीन जलाली

जोश पर रंग-ए-तरब देख के मयख़ाने का

रसूल जहाँ बेगम मख़फ़ी बदायूनी

मरते नहीं अब इश्क़ में यूँ तो आतिश-ए-फ़ुर्क़त अब भी वही है

राशिद आज़र

मिरी जबीं का मुक़द्दर कहीं रक़म भी तो हो

रशीद क़ैसरानी

न छोड़ा दिल-ए-ख़स्ता-जाँ चलते चलते

रशीद लखनवी

आप दिल जा कर जो ज़ख़्मी हो तो मिज़्गाँ क्या करे

रशीद लखनवी

रहना हर दम बुझा बुझा सा कुछ

रसा चुग़ताई

बुतों में किस बला की है कशिश अल्लाह ही जाने

रंजूर अज़ीमाबादी

दीवाना कर के मुझ को तमाशा किया बहुत

राम अवतार गुप्ता मुज़्तर

हम गर्दिश-ए-दौराँ के सितम देख रहे हैं

राज कुमार सूरी नदीम

दुआ ने काम किया है यक़ीं नहीं आता

राज कुमार क़ैस

ये शहर शहर-ए-बला भी है कीना-साज़ के साथ

रईस अमरोहवी

तुम अपने हुस्न पे ग़ज़लें पढ़ा करो बैठे

राहील फ़ारूक़

जावे वो सनम ब्रिज को तो आप कन्हैया

इंशा अल्लाह ख़ान

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.