शेर Poetry (page 15)
'बेख़ुद' तो मर मिटे जो कहा उस ने नाज़ से
बेख़ुद देहलवी
मुझ को न दिल पसंद न वो बेवफ़ा पसंद
बेख़ुद देहलवी
मेरे हम-राह मिरे घर पे भी आफ़त आई
बेख़ुद देहलवी
जो तमाशा नज़र आया उसे देखा समझा
बेख़ुद देहलवी
हुआ जो वक़्फ़-ए-ग़म वो दिल किसी का हो नहीं सकता
बेख़ुद देहलवी
सरीर-ए-ख़ामा से तशरीह-ए-सिर्र-ए-ज़ी होगी
बेबाक भोजपुरी
बख़्त क्या जाने भला या कि बुरा होता है
बेबाक भोजपुरी
सुब्ह क़यामत आएगी कोई न कह सका कि यूँ
बयान मेरठी
हम जैसे तेग़-ए-ज़ुल्म से डर भी गए तो क्या
बासिर सुल्तान काज़मी
हब्स के दिनों में भी घर से कब निकलते हैं
बशीर सैफ़ी
हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में
बशीर बद्र
चाँद सा मिस्रा अकेला है मिरे काग़ज़ पर
बशीर बद्र
परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता
बशीर बद्र
मिरी नज़र में ख़ाक तेरे आइने पे गर्द है
बशीर बद्र
मरहला दिल का न तस्ख़ीर हुआ
बाक़ी सिद्दीक़ी
ऐसा वार पड़ा सर का
बाक़ी सिद्दीक़ी
कभी तो याद के गुल-दान में सजाऊँ उसे
बाक़र नक़वी
किसी पे कोई भरोसा करे तो कैसे करे
बाक़र मेहदी
औरों पे इत्तिफ़ाक़ से सब्क़त मिली मुझे
बाक़र मेहदी
सर-ए-सौदा पे तिरे शेर-ए-रसा से 'आगाह'
बाक़र आगाह वेलोरी
शाहिद-ए-ग़ैब हुवैदा न हुआ था सो हुआ
बाक़र आगाह वेलोरी
मुझे इक शेर कहना है
बक़ा बलूच
मिरे हर लफ़्ज़ की तौक़ीर रहने के लिए है
बख़्श लाइलपूरी
हुसूल-ए-मंज़िल-ए-जाँ का हुनर नहीं आया
बख़्श लाइलपूरी
जो है याँ अासाइश-ए-रंज-ओ-मेहन में मस्त है
बहराम जी
'ज़फ़र' बदल के रदीफ़ और तू ग़ज़ल वो सुना
ज़फ़र
टुकड़े नहीं हैं आँसुओं में दिल के चार पाँच
ज़फ़र
जिगर के टुकड़े हुए जल के दिल कबाब हुआ
ज़फ़र
ज़रूरतों की हमाहमी में जो राह चलते भी टोकती है वो शाइ'री है
बद्र-ए-आलम ख़लिश
कब बयाबाँ राह में आया ये समझा ही नहीं
बदीउज़्ज़माँ ख़ावर
Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.
Sad Poetry in Urdu, 2 Lines Poetry in Urdu, Ahmad Faraz Poetry in Urdu, Sms Poetry in Urdu, Love Poetry in Urdu, Rahat Indori Poetry, Wasi Shah Poetry in Urdu, Faiz Ahmad Faiz Poetry, Anwar Masood Poetry Funny, Funnu Poetry in Urdu, Ghazal in Urdu, Romantic Poetry in Urdu, Poetry in Urdu for Friends