वहशत Poetry (page 4)

अगर कुछ भी मिरे घर से दम-ए-रुख़्सत निकलता है

तारिक़ नईम

अब ये हंगामा-ए-दुनिया नहीं देखा जाता

तारिक़ नईम

इंतिज़ार

तनवीर अंजुम

किस तरह उस को बुलाऊँ ख़ाना-ए-बर्बाद में

तनवीर अंजुम

दर्द-ए-दिल को दास्ताँ-दर-दास्ताँ होने तो दो

तल्हा रिज़वी बारक़

हम जब्र-ए-मोहब्बत से गुरेज़ाँ नहीं होते

तालीफ़ हैदर

दूर तक परछाइयाँ सी हैं रह-ए-अफ़्कार पर

तख़्त सिंह

ज़ख़्म कब का था दर्द उठा है अब

ताजदार आदिल

पत्ता पत्ता शाख़ से टूटे दरवाज़ों पे वहशत सी

ताज सईद

बंद दरीचों के कमरे से पूर्वा यूँ टकराई है

ताज सईद

इक वहशत सी दर आई है आँखों में

ताहिर अज़ीम

एक जल्वा ब-सद अंदाज़-ए-नज़र देख लिया

ताबिश देहलवी

देखिए अहल-ए-मोहब्बत हमें क्या देते हैं

ताबिश देहलवी

बंद-ए-ग़म मुश्किल से मुश्किल-तर खुला

ताबिश देहलवी

दिल वो काफ़िर कि सदा ऐश का सामाँ माँगे

ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ

बस्ती में कमी किस चीज़ की है पत्थर भी बहुत शीशे भी बहुत

ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ

साक़ी हो और चमन हो मीना हो और हम हों

ताबाँ अब्दुल हई

याद-ए-अय्याम कि हम-रुतबा-ए-रिज़वाँ हम थे

तअशशुक़ लखनवी

चाहूँ कि हाल-ए-वहशत-ए-दिल कुछ रक़म करूँ

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

मिल जाएँ अज़दहाम में हम ही ये हम से दूर

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

अहरमन का रक़्स-ए-वहशत हर गली हर मोड़ पर

सय्यद शकील दस्नवी

चैन कब आता है घर में तिरे दीवाने को

सय्यद मोहम्मद ज़फ़र अशक संभली

कसरत-ए-औलाद

सय्यद मोहम्मद जाफ़री

ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ

सय्यद मोहम्मद जाफ़री

ग़म-हा-ए-रोज़गार से फ़ुर्सत नहीं मुझे

सय्यद मोहम्मद असकरी आरिफ़

दिल की धड़कन थम गई दर्द-ए-निहाँ बढ़ता गया

सय्यद मोहम्मद असकरी आरिफ़

रद्द-ओ-कद के भी ब'अद रह जाए

सय्यद काशिफ़ रज़ा

पहलू-ए-ग़ैर में दुख-दर्द समोने न दिया

सय्यद काशिफ़ रज़ा

इक रोज़ ये सर-रिश्ता-ए-इदराक जला दूँ

सय्यद काशिफ़ रज़ा

मसर्रत में भी है पिन्हाँ अलम यूँ भी है और यूँ भी

सय्यद हामिद

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.