यार Poetry (page 64)

इंसान है तो किब्र सीं कहता है क्यूँ अना

आबरू शाह मुबारक

हुआ हूँ दिल सेती बंदा पिया की मेहरबानी का

आबरू शाह मुबारक

गरचे इस बुनियाद-ए-हस्ती के अनासिर चार हैं

आबरू शाह मुबारक

दिल नीं पकड़ी है यार की सूरत

आबरू शाह मुबारक

दिल है तिरे प्यार करने कूँ

आबरू शाह मुबारक

चंचलाहट में तू ममोला है

आबरू शाह मुबारक

ये रह-ए-इश्क़ है इस राह पे गर जाएगा तू

अबरार अहमद

शहर से जब भी कोई शहर जुदा होता है

आबिद मलिक

हक़ मिरा मुझ को मिरे यार नहीं देते हैं

अब्दुश्शुकूर आसी

पड़े हैं मस्त भी साक़ी अयाग़ के नज़दीक

अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी

मिज़्गाँ ने रोका आँखों में दम इंतिज़ार से

अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी

सुनाया यार नीं आ कर दो तारा

अब्दुल वहाब यकरू

मुझ सीं और दिलरुबा सीं है अन-बन

अब्दुल वहाब यकरू

कब करे क़स्द यार आवन का

अब्दुल वहाब यकरू

यारा है कहाँ इतना कि उस यार को यारो

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

अनार-ए-ख़ुल्द को तू रख कि मैं पसंद नहीं

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

तुम्हारी चश्म ने मुझ सा न पाया

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

तीर पहलू में नहीं ऐ रुफ़क़ा-ए-पर्वाज़

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

फिर आया जाम-ब-कफ़ गुल-एज़ार ऐ वाइज़

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

महफ़िल इश्क़ में जो यार उठे और बैठे

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

कुछ तौर नहीं बचने का ज़िन्हार हमारा

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

जान अपनी चली जाए हे जाए से कसू की

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

ग़ैर के दिल पे तू ऐ यार ये क्या बाँधे है

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

दिल तो हाज़िर है अगर कीजिए फिर नाज़ से रम्ज़

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

आँखों में मुरव्वत तिरी ऐ यार कहाँ है

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

ज़लज़ले सख़्त आते रहे रात-भर

अब्दुल मन्नान तरज़ी

खुली जब आँख तो देखा कि था बाज़ार का हल्क़ा

अब्दुल मन्नान तरज़ी

दिल अपना याद-ए-यार से बेगाना तो नहीं

अब्दुल मलिक सोज़

अब नहीं जन्नत मशाम-ए-कूचा-ए-यार की शमीम

अब्दुल मजीद सालिक

ख़िरद में मुब्तिला है 'सालिक' दीवाना बरसों से

अब्दुल मजीद सालिक

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.