दर्पण Poetry (page 9)

हक़-नवाई को ज़माने की ज़बाँ कौन करे

समद अंसारी

सीमिया

सलमान अंसारी

मुख़ालिफ़ जब से आईना हुआ है

सलीम शुजाअ अंसारी

मेरी अर्ज़ानी से मुझ को वो निकालेगा मगर

सालिम सलीम

नज़र से देख तो साक़ी इक आईना बनाया है

सालिक लखनवी

लगता है वो आज ख़्वाब जैसा

सलीम शहज़ाद

हवा की ज़द में पत्ते की तरह था

सलीम शहज़ाद

उस को मिल कर देख शायद वो तिरा आईना हो

सलीम शाहिद

सूरज ज़मीं की कोख से बाहर भी आएगा

सलीम शाहिद

मत पूछ कि इस पैकर-ए-ख़ुश-रंग में क्या है

सलीम शाहिद

इन दर-ओ-दीवार की आँखों से पट्टी खोल कर

सलीम शाहिद

मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है

सलीम कौसर

वहाँ महफ़िल न सजाई जहाँ ख़ल्वत नहीं की

सलीम कौसर

सफ़र की इब्तिदा हुई कि तेरा ध्यान आ गया

सलीम कौसर

मुलाक़ातों का ऐसा सिलसिला रक्खा है तुम ने

सलीम कौसर

मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है

सलीम कौसर

कहीं तुम अपनी क़िस्मत का लिखा तब्दील कर लेते

सलीम कौसर

कहानी लिखते हुए दास्ताँ सुनाते हुए

सलीम कौसर

कभी मौसम साथ नहीं देते कभी बेल मुंडेर नहीं चढ़ती

सलीम कौसर

डूबने वाले भी तन्हा थे तन्हा देखने वाले थे

सलीम कौसर

बस इक रस्ता है इक आवाज़ और एक साया है

सलीम कौसर

मुझे गिला न किसी संग का न आहन का

सलीम अहमद

नया मज़मूँ किताब-ए-ज़ीस्त का हूँ

सलीम अहमद

मैं उस को भूल गया था वो याद सा आया

सलीम अहमद

कोई सितारा-ए-गिर्दाब आश्ना था मैं

सलीम अहमद

ताबानी-ए-रुख़ ले कर तुम सामने जब आए

सलाम संदेलवी

मज़दूर लड़की

सलाम मछली शहरी

कभी कभी अर्ज़-ए-ग़म की ख़ातिर हम इक बहाना भी चाहते हैं

सलाम मछली शहरी

था ख़्वाब में ख़याल को तुझ से मुआमला

सलाहुद्दीन परवेज़

घर की दीवारों को हम ने और ऊँचा कर लिया

सलाहुद्दीन नदीम

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.