बाहर Poetry (page 19)

तन्हाई का रोग न पाल

एजाज़ तालिब

बज़्म-ए-तन्हाई में अक्स-ए-शो'ला-पैकर था कोई

एहतराम इस्लाम

कराची की बस

दिलावर फ़िगार

शोर से बच्चों के घबराते हैं घर पर और हम

दिलावर फ़िगार

ख़ुद में खिलते हुए मंज़र से नुमूदार हुआ

दिलावर अली आज़र

दूर के एक नज़ारे से निकल कर आई

दिलावर अली आज़र

सुनहरी मछली

दीप्ति मिश्रा

अजब कश्मकश है अजब है कशाकश ये क्या बीच में है हमारे तुम्हारे

दीप्ति मिश्रा

वक़्त की सदियाँ

दाऊद ग़ाज़ी

काश

दर्शिका वसानी

या-रब ये क्या तिलिस्म है इदराक-ओ-फ़हम याँ

ख़्वाजा मीर 'दर्द'

तोहमत-ए-चंद अपने ज़िम्मे धर चले

ख़्वाजा मीर 'दर्द'

अर्ज़-ओ-समा कहाँ तिरी वुसअ'त को पा सके

ख़्वाजा मीर 'दर्द'

एक सब आग एक सब पानी

दानियाल तरीर

फिर गया जब से कोई आ के हमारे दर तक

दाग़ देहलवी

तय हुआ दिन कि खुले शाम के बिस्तर चलिए

चराग़ बरेलवी

कभी हवा ने कभी उड़ते पत्थरों ने किया

चंद्र प्रकाश शाद

अपने सारे रास्ते अंदर की जानिब मोड़ कर

बुशरा एजाज़

मंज़रों के दरमियाँ मंज़र बनाना चाहिए

बुशरा एजाज़

सर जिस पे न झुक जाए उसे दर नहीं कहते

बिस्मिल सईदी

इतना भी न साक़ी होश रहा पी कर ये हमें मय-ख़ाना था

बिस्मिल इलाहाबादी

यूँ न जान अश्क हमें जो गया बाना न मिला

बिमल कृष्ण अश्क

ग़ज़ब है सुर्मा दे कर आज वो बाहर निकलते हैं

भारतेंदु हरिश्चंद्र

दश्त-पैमाई का गर क़स्द मुकर्रर होगा

भारतेंदु हरिश्चंद्र

बस ज़रा इक आइने के टूटने की देर थी

भारत भूषण पन्त

मुस्तक़िल रोने से दिल की बे-कली बढ़ जाएगी

भारत भूषण पन्त

कहीं जैसे मैं कोई चीज़ रख कर भूल जाता हूँ

भारत भूषण पन्त

कब तक गर्दिश में रहना है कुछ तो बता अय्याम मुझे

भारत भूषण पन्त

अक़्ल दौड़ाई बहुत कुछ तो गुमाँ तक पहुँचे

बेताब अज़ीमाबादी

भीतर बसने वाला ख़ुद बाहर की सैर करे मौला ख़ैर करे

बेकल उत्साही

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.