धूप Poetry (page 32)

सधाए हुए परिंदे

अख़्तर हुसैन जाफ़री

नज़्म

अख़्तर हुसैन जाफ़री

कब धूप चली शाम ढली किस को ख़बर है

अख़्तर होशियारपुरी

यक-ब-यक मौसम की तब्दीली क़यामत ढा गई

अख़्तर होशियारपुरी

वो रंग-ए-तमन्ना है कि सद-रंग हुआ हूँ

अख़्तर होशियारपुरी

अपने क़दमों ही की आवाज़ से चौंका होता

अख़्तर होशियारपुरी

आँधी में चराग़ जल रहे हैं

अख़्तर होशियारपुरी

न धूप धूप रहे और न साया साया तो

अखिलेश तिवारी

वो और होंगे जो कार-ए-हवस पे ज़िंदा हैं

अकबर मासूम

ये सारे फूल ये पत्थर उसी से मिलते हैं

अकबर मासूम

न अपना नाम न चेहरा बदल के आया हूँ

अकबर मासूम

लुटाऊँ मस्तियाँ सरसब्ज़ रहगुज़र की तरह

अकबर काज़मी

लबों पर तबस्सुम तो आँखों में आँसू थी धूप एक पल में तो इक पल में बारिश

अकबर हैदराबादी

बदन से रिश्ता-ए-जाँ मो'तबर न था मेरा

अकबर हैदराबादी

ख़ुश-रंग किस क़दर ख़स-ओ-ख़ाशाक थे कभी

अकबर अली खान अर्शी जादह

ज़माने हो गए तेरे करम की आस लगी

अजीत सिंह हसरत

गुज़रे जिधर से नूर बिखेरे चले गए

अजीत सिंह हसरत

धुआँ सिफ़त हूँ ख़लाओं का है सफ़र मुझ को

अजीत सिंह हसरत

मुझे अपने रूप की धूप दो कि चमक सकें मिरे ख़ाल-ओ-ख़द

ऐतबार साजिद

ज़ख़्मों का दो-शाला पहना धूप को सर पर तान लिया

ऐतबार साजिद

तुम्हें जब कभी मिलें फ़ुर्सतें मिरे दिल से बोझ उतार दो

ऐतबार साजिद

मिरी रूह में जो उतर सकें वो मोहब्बतें मुझे चाहिएँ

ऐतबार साजिद

पढ़ो इबारत-ए-तख़्लीक़-ए-दर्द चेहरे पर

ऐनुद्दीन आज़िम

दर्द तेरा मिरे सीने से निकाला न गया

ऐनुद्दीन आज़िम

इसी क़दर है हयात ओ अजल के बीच का फ़र्क़

ऐन ताबिश

हयात-ए-सोख़्ता-सामाँ इक इस्तिअा'रा-ए-शाम

ऐन ताबिश

हो दिन कि चाहे रात कोई मसअला नहीं

ऐन इरफ़ान

बला की धूप थी मैं जल रहा था

ऐन इरफ़ान

अंग अंग झलक उठता है अंगों के दर्पन के बीच

अहसन अहमद अश्क

बस्ती बस्ती पर्बत पर्बत वहशत की है धूप 'ज़िया'

अहमद ज़िया

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.