घर Poetry (page 64)

अपना घर छोड़ के हम लोग वहाँ तक पहुँचे

इक़बाल अज़ीम

बर्ग ठहरे न जब समर ठहरे

इक़बाल अासिफ़

ख़िज़ाँ का क़र्ज़ तो इक इक दरख़्त पर है यहाँ

इक़बाल अशहर कुरेशी

सताया आज मुनासिब जगह पे बारिश ने

इक़बाल अशहर

प्यास के बेदार होने का कोई रस्ता न था

इक़बाल अशहर

छोटी ही सही बात की तासीर तो देखो

इक़बाल अंजुम

दिल भी पत्थर सीना पत्थर आँख पे पट्टी रक्खी है

इन्तिज़ार ग़ाज़ीपुरी

बैठ जाता था मैं थक कर अपने तन की छाँव में

इंतिख़ाब अालम

ज़िन्हार हिम्मत अपने से हरगिज़ न हारिए

इंशा अल्लाह ख़ान

टुक क़ैस को छेड़-छाड़ कर इश्क़

इंशा अल्लाह ख़ान

तब से आशिक़ हैं हम ऐ तिफ़्ल-ए-परी-वश तेरे

इंशा अल्लाह ख़ान

न तो काम रखिए शिकार से न तो दिल लगाइए सैर से

इंशा अल्लाह ख़ान

मुझे छेड़ने को साक़ी ने दिया जो जाम उल्टा

इंशा अल्लाह ख़ान

जी चाहता है शैख़ की पगड़ी उतारिए

इंशा अल्लाह ख़ान

गली से तेरी जो टुक हो के आदमी निकले

इंशा अल्लाह ख़ान

अश्क मिज़्गान-ए-तर की पूँजी है

इंशा अल्लाह ख़ान

जिला

इंजिला हमेश

कभी मुड़ के फिर इसी राह पर न तो आए तुम न तो आए हम

इन्दिरा वर्मा

राज़-दाँ होते हैं वो घर अक्सर

इंद्र सराज़ी

दिल से दिल का रिश्ता होगा

इंद्र सराज़ी

जिस क़दर भी हवा है ख़ाली है

इनाम कबीर

ये क़िस्सा-ए-मुख़्तसर नहीं है

इम्तियाज़-उल-हक़ इम्तियाज़

हैं घर की मुहाफ़िज़ मिरी दहकी हुई आँखें

इम्तियाज़ साग़र

हैं घर की मुहाफ़िज़ मिरी दहकी हुई आँखें

इम्तियाज़ साग़र

अगर है रेत की दीवार ध्यान टूटेगा

इम्तियाज़ अहमद राही

यूँही अक्सर मुझे समझा बुझा कर लौट जाती है

इम्तियाज़ अहमद

कोई तो है जो आहों में असर आने नहीं देता

इमरान-उल-हक़ चौहान

लोग पाबंद-ए-सलासिल हैं मगर ख़ामोश हैं

इमरान शनावर

यूँ भटकने में की है बसर ज़िंदगी

इमरान शमशाद

तुम ने ये माजरा सुना है क्या

इमरान शमशाद

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.