जाओ Poetry

हिज्र

अज़ीमुद्दीन अहमद

रो पड़ा ना-गहाँ मुस्कुराने के बा'द

अहमद अली बर्क़ी आज़मी

प्यार का यूँ दस्तूर निभाना पड़ता है

वलीउल्लाह वली

आख़िर हम ने तौर पुराना छोड़ दिया

अर्श सिद्दीक़ी

गुल-बदन गुल-एज़ार आ जाओ

अहमद अली बर्क़ी आज़मी

कल से आज तक

दौर आफ़रीदी

चौकीदार

बुशरा सईद

मुग़ल की कार

असद जाफ़री

आख़िरी अलमिया

मोईन निज़ामी

तेरी नज़रों से यार उतर जाऊँ

कूज़ा-गर देख अगर चाक पे आना है मुझे

ज़ुल्फ़िकार नक़वी

पेड़ों की घनी छाँव और चैत की हिद्दत थी

ज़ुल्फ़िक़ार अहमद ताबिश

शब में दिन का बोझ उठाया दिन में शब-बेदारी की

ज़ुल्फ़िक़ार आदिल

कुछ ख़ाक से है काम कुछ इस ख़ाक-दाँ से है

ज़ुल्फ़िक़ार आदिल

कभी ख़ुशबू कभी आवाज़ बन जाना पड़ेगा

ज़ुल्फ़िक़ार आदिल

हम जाना चाहते थे जिधर भी नहीं गए

ज़ुल्फ़िक़ार आदिल

काम हैं और ज़रूरी कई करने के लिए

ज़ुहूर-उल-इस्लाम जावेद

वो जिसे सारे ज़माने ने कहा मेरा रक़ीब

ज़ुहूर नज़र

ख़ुद को पाने की तलब में आरज़ू उस की भी थी

ज़ुहूर नज़र

तिलस्माती फ़ज़ा तख़्त-ए-सुलैमाँ पर लिए जाना

ज़ुबैर शिफ़ाई

नया जन्म

ज़ुबैर रिज़वी

इक तेरे सिवा

ज़ुबैर रिज़वी

ज़िंदगी ऐसे घरों से तो खंडर अच्छे थे

ज़ुबैर रिज़वी

हवा की अंधी पनाहों में मत उछाल मुझे

ज़ुबैर रिज़वी

ज़ेहन परेशाँ हो जाता है और भी कुछ तन्हाई में

ज़ुबैर अमरोहवी

ज़र्द पत्ते थे हमें और क्या कर जाना था

ज़िया ज़मीर

दर्द की शाख़ पे इक ताज़ा समर आ गया है

ज़िया ज़मीर

मुश्किलें दिल में नई शमएँ जला देती हैं

ज़िया जालंधरी

अब ये आँखें किसी तस्कीन से ताबिंदा नहीं

ज़िया जालंधरी

रास्ते तीरा सही सीने तो बे-नूर नहीं

ज़िया जालंधरी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.