सृष्टि Poetry (page 6)

सर काट क्यूँ जलाते हैं रौशन दिलाँ के तईं

दाऊद औरंगाबादी

सीना साफ़ी सूँ मिस्ल-ए-दर्पन कर

दाऊद औरंगाबादी

राहत कहाँ नसीब थी जो अब कहीं नहीं

दत्तात्रिया कैफ़ी

रौंदे है नक़्श-ए-पा की तरह ख़ल्क़ याँ मुझे

ख़्वाजा मीर 'दर्द'

बाग़-ए-जहाँ के गुल हैं या ख़ार हैं तो हम हैं

ख़्वाजा मीर 'दर्द'

बाक़ी जहाँ में क़ैस न फ़रहाद रह गया

दाग़ देहलवी

सुब्ह क़यामत आएगी कोई न कह सका कि यूँ

बयान मेरठी

न रहे नामा ओ पैग़ाम के लाने वाले

मिर्ज़ा रज़ा बर्क़

मिसाल-ए-तार-ए-नज़र क्या नज़र नहीं आता

मिर्ज़ा रज़ा बर्क़

गया शबाब न पैग़ाम-ए-वस्ल-ए-यार आया

मिर्ज़ा रज़ा बर्क़

हमें देखा न कर उड़ती नज़र से

बकुल देव

कुफ़्र एक रंग-ए-क़ुदरत-ए-बे-इंतिहा में है

बहराम जी

पान की सुर्ख़ी नहीं लब पर बुत-ए-ख़ूँ-ख़्वार के

ज़फ़र

जब कि पहलू में हमारे बुत-ए-ख़ुद-काम न हो

ज़फ़र

ग़लत-बयाँ ये फ़ज़ा महर ओ कीं दरोग़ दरोग़

अज़ीज़ हामिद मदनी

अफ़्सोस बे-शुमार सुख़न-हा-ए-ग़ुफतनी

आज़ाद अंसारी

भटक रही है 'अता' ख़ल्क़-ए-बे-अमाँ फिर से

अताउल हक़ क़ासमी

भटक रही है 'अता' ख़ल्क़-ए-बे-अमाँ फिर से

अताउल हक़ क़ासमी

गहरी है शब की आँच कि ज़ंजीर-ए-दर कटे

अता शाद

वहशत में सू-ए-दश्त जो ये आह ले गई

आसिफ़ुद्दौला

शाख़ से फूल से क्या उस का पता पूछती है

असअ'द बदायुनी

हवा हवस के इलाक़े दिखा रही है मुझे

असअ'द बदायुनी

ऐ दिल तिरे तुफ़ैल जो मुझ पर सितम हुए

अरशद कमाल

डोरा नहीं है सुरमे का चश्म-ए-सियाह में

अरशद अली ख़ान क़लक़

आश्ना होते ही उस इश्क़ ने मारा मुझ को

अरशद अली ख़ान क़लक़

पियो कि मा-हसल-ए-होश किस ने देखा है

अनवर शऊर

मुझे ये जुस्तुजू क्यूँ हो कि क्या हूँ और किया था मैं

अनवर शऊर

और न दर-ब-दर फिरा और न आज़मा मुझे

अनवर शऊर

कैसी हया कहाँ की वफ़ा पास-ए-ख़ल्क़ क्या

अनवर देहलवी

कैसी हया कहाँ की वफ़ा पास-ए-ख़ल्क़ क्या

अनवर देहलवी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.