खेल Poetry

अब शहर में कहाँ रहे वो बा-वक़ार लोग

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

पतझड़ का मौसम था लेकिन शाख़ पे तन्हा फूल खिला था

बिमल कृष्ण अश्क

गुल-ओ-गुलज़ार गुहर चाँद सितारे बच्चे

फ़ारूक़ इंजीनियर

सितम कब उन पे ढाया है किसी ने

जावेद सिद्दीक़ी आज़मी

अफ़्सूँ पहली बारिश का

मसूद मिर्ज़ा नियाज़ी

हमारे सर पे तब कोई जहाँ होता नहीं था

आशू मिश्रा

इस चश्म-ए-सियह-मस्त पे गेसू हैं परेशाँ

मुसालहत

ज़ुबैर रिज़वी

एक तिलिस्मी खेल

ज़ेहरा निगाह

कहानी

ज़ीशान साहिल

हम फूल नहीं तोड़ सकते

ज़ीशान साहिल

कोई क़ुसूर नहीं मेरी ख़ुश-गुमानी का

ज़ीशान साहिल

दिल मुज़्तरिब है और परेशान जिस्म है

ज़ीशान साहिल

मैकनिक शाएर

ज़रीफ़ जबलपूरी

ख़्वाब-नगर के शहज़ादे ने ऐसे भी निरवान लिया

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

ऐ दिल तिरी आहों में इतना तो असर आए

ज़की काकोरवी

धूप सरों पर और दामन में साया है

ज़करिय़ा शाज़

अब तो ये भी होने लगा है हम में उन में बात नहीं

ज़ाहिदुल हक़

मैं अच्छा फ़नकार नहीं

ज़ाहिद इमरोज़

सदियों में कोई एक मोहब्बत होती है

ज़हीर रहमती

ज़र्द गुलाबों की ख़ातिर भी रोता है

ज़हीर रहमती

आज की तन्हाई से निकलो कल की आबादी में आओ

ज़हीर काश्मीरी

सख़्त दुश्वार है पहलू में बचाना दिल का

ज़हीर देहलवी

रहता तो है उस बज़्म में चर्चा मिरे दिल का

ज़हीर देहलवी

मोहब्बत की जिस को ख़ुमारी लगे

ज़फ़र कमाली

बख़्त जागे तो जहाँ-दीदा सी हो जाती है

ज़फ़र कलीम

लगी थी जान की बाज़ी बिसात उलट डाली

ज़फ़र इक़बाल

मिला तो मंज़िल-ए-जाँ में उतारने न दिया

ज़फ़र इक़बाल

मौसम का हाथ है न हवा है ख़लाओं में

ज़फ़र इक़बाल

जहाँ निगार-ए-सहर पैरहन उतारती है

ज़फ़र इक़बाल

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.