लहू Poetry (page 34)

ग़ैर पूछें भी तो हम क्या अपना अफ़्साना कहें

अली जव्वाद ज़ैदी

इक आह-ए-ज़ेर-ए-लब के गुनहगार हो गए

अली जव्वाद ज़ैदी

इक आह-ए-ज़ेर-ए-लब के गुनहगार हो गए

अली जव्वाद ज़ैदी

प्यासा ऊँट

अली अकबर नातिक़

क्या इसी वास्ते सींचा था लहू से अपने

अली अहमद जलीली

रोके से कहीं हादसा-ए-वक़्त रुका है

अली अहमद जलीली

मुस्तहिक़ वो लज़्ज़त-ए-ग़म का नहीं

अली अहमद जलीली

काटी है ग़म की रात बड़े एहतिराम से

अली अहमद जलीली

आज जलती हुई हर शम्अ बुझा दी जाए

अली अहमद जलीली

ख़ुश्क आँखों से लहू फूट के रोना इक दिन

अलीम सबा नवेदी

इक जुनूँ कहिए उसे जो मिरे सर से निकला

अलीम मसरूर

बन कर लहू यक़ीन न आए तो देख लें

अलीम अफ़सर

सिवाए-दर-ब-दरी उस को ख़ाक मिलता है

आलमताब तिश्ना

मिरी दस्तरस में है गर क़लम मुझे हुस्न-ए-फ़िक्र-ओ-ख़याल दे

आलमताब तिश्ना

हिसार-ए-मक़्तल-ए-जाँ में लहू लहू मैं था

आलमताब तिश्ना

पड़ गई जैसे अक़्ल पर मिट्टी

अकमल इमाम

तन्हाई में

अख़्तर-उल-ईमान

सुकून

अख़्तर-उल-ईमान

मेरा दोस्त अबुल-हौल

अख़्तर-उल-ईमान

आँख दरिया जिगर लहू करना

अख़्तर ज़ियाई

ज़र-ए-नाब

अख़्तर उस्मान

नए सुर की तमसील

अख़्तर उस्मान

वो जिस का अक्स लहू को जगा दिया करता

अख्तर शुमार

लफ़्ज़ लिखना है तो फिर काग़ज़ की निय्यत से न डर

अख़्तर शेख़

राह-ए-वफ़ा में कोई हमें जानता न था

अख़तर शाहजहाँपुरी

जो फ़क़त शोख़ी-ए-तहरीर भी हो सकती है

अख़तर शाहजहाँपुरी

आज भी दश्त-ए-बला में नहर पर पहरा रहा

अख़्तर सईद ख़ान

काला सूरज

अख़्तर राही

घोर अँधेरा

अख़्तर राही

लम्स-ए-आख़िरी

अख़्तर पयामी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.