रात Poetry (page 3)

कुछ दिनों इस शहर में हम लोग आवारा फिरें

ज़ुबैर रिज़वी

कई कोठे चढ़ेगा वो कई ज़ीनों से उतरेगा

ज़ुबैर रिज़वी

कभी ख़िरद से कभी दिल से दोस्ती कर ली

ज़ुबैर रिज़वी

हर क़दम सैल-ए-हवादिस से बचाया है मुझे

ज़ुबैर रिज़वी

ग़ुरूब-ए-शाम ही से ख़ुद को यूँ महसूस करता हूँ

ज़ुबैर रिज़वी

कहीं से आया तुम्हारा ख़याल वैसे ही

ज़ुबैर क़ैसर

उस के ख़त रात भर यूँ पढ़ता हूँ

ज़ुबैर अली ताबिश

दिल फिर उस कूचे में जाने वाला है

ज़ुबैर अली ताबिश

अपनी तश्हीर करे या मुझे रुस्वा देखे

ज़िया शबनमी

तुलूअ'

ज़िया जालंधरी

तीरगी

ज़िया जालंधरी

ख़ुद फ़रेब

ज़िया जालंधरी

हम

ज़िया जालंधरी

रंग बातें करें और बातों से ख़ुश्बू आए

ज़िया जालंधरी

फ़ज़ाएँ इस क़दर बे-कल रही हैं

ज़िया जालंधरी

अब ये आँखें किसी तस्कीन से ताबिंदा नहीं

ज़िया जालंधरी

आँखों में निहाँ है जो मुनाजात वो तुम हो

ज़िया जालंधरी

यूँ हसरतों की गर्द में था दिल अटा हुआ

ज़िया फ़तेहाबादी

लब पर दिल की बात न आई

ज़िया फ़तेहाबादी

आँख से आँसू ढलका होता

ज़िया फ़तेहाबादी

देर तक रौशनी रही कल रात

ज़ेहरा निगाह

शाम का पहला तारा (2)

ज़ेहरा निगाह

शाम का पहला तारा

ज़ेहरा निगाह

कल रात ढले

ज़ेहरा निगाह

एक फूल सा बच्चा

ज़ेहरा निगाह

डाकू

ज़ेहरा निगाह

क्यूँ ऐ ग़म-ए-फ़िराक़ ये क्या बात हो गई

ज़ेहरा निगाह

देर तक रौशनी रही कल रात

ज़ेहरा निगाह

ख़ुद-कलामी ख़ातून-ए-ख़ाना की

ज़ेहरा अलवी

यादें

ज़ीशान साहिल

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.