रंग Poetry (page 55)

ख़्वाब आँखों की गली छोड़ के जाने निकले

ग़यास मतीन

ख़ून-ए-दिल मुझ से तिरा रंग-ए-हिना माँगे है

ग़यास अंजुम

ग़ुरूर-ए-नाज़ दिखा तुझ में कितना जौहर है

ग़ौस मोहम्मद ग़ौसी

ज़िंदगानी में सभी रंग थे महरूमी के

ग़ालिब अयाज़

दर्द जब दस्तरस-ए-चारागराँ से निकला

ग़ालिब अयाज़

था ज़िंदगी में मर्ग का खटका लगा हुआ

ग़ालिब

नशा-ए-रंग से है वाशुद-ए-गुल

ग़ालिब

मैं ने जुनूँ से की जो 'असद' इल्तिमास-ए-रंग

ग़ालिब

ग़म-ए-हस्ती का 'असद' किस से हो जुज़ मर्ग इलाज

ग़ालिब

देखिए लाती है उस शोख़ की नख़वत क्या रंग

ग़ालिब

आशिक़ी सब्र-तलब और तमन्ना बेताब

ग़ालिब

ज़िक्र मेरा ब-बदी भी उसे मंज़ूर नहीं

ग़ालिब

ज़माना सख़्त कम-आज़ार है ब-जान-ए-असद

ग़ालिब

वारस्ता उस से हैं कि मोहब्बत ही क्यूँ न हो

ग़ालिब

तेरे तौसन को सबा बाँधते हैं

ग़ालिब

सियाही जैसे गिर जाए दम-ए-तहरीर काग़ज़ पर

ग़ालिब

शुमार-ए-सुब्हा मर्ग़ूब-ए-बुत-ए-मुश्किल-पसंद आया

ग़ालिब

शौक़ हर रंग रक़ीब-ए-सर-ओ-सामाँ निकला

ग़ालिब

शबनम ब-गुल-ए-लाला न ख़ाली ज़-अदा है

ग़ालिब

शब कि वो मजलिस-फ़रोज़-ए-ख़ल्वत-ए-नामूस था

ग़ालिब

शब कि बर्क़-ए-सोज़-ए-दिल से ज़हरा-ए-अब्र आब था

ग़ालिब

सरापा रेहन-इश्क़-ओ-ना-गुज़ीर-उल्फ़त-हस्ती

ग़ालिब

सफ़ा-ए-हैरत-ए-आईना है सामान-ए-ज़ंग आख़िर

ग़ालिब

सब कहाँ कुछ लाला-ओ-गुल में नुमायाँ हो गईं

ग़ालिब

रोने से और इश्क़ में बेबाक हो गए

ग़ालिब

क़तरा-ए-मय बस-कि हैरत से नफ़स-परवर हुआ

ग़ालिब

फिर कुछ इक दिल को बे-क़रारी है

ग़ालिब

फिर हुआ वक़्त कि हो बाल-कुशा मौज-ए-शराब

ग़ालिब

पए-नज़्र-ए-करम तोहफ़ा है शर्म-ए-ना-रसाई का

ग़ालिब

पा-ब-दामन हो रहा हूँ बस-कि मैं सहरा-नवर्द

ग़ालिब

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.