सहर Poetry (page 42)

जंग से जंगल बना जंगल से मैं निकला नहीं

अफ़ज़ाल नवेद

बाग़ क्या क्या शजर दिखाते हैं

अफ़ज़ाल नवेद

कर्ब के शहर से निकले तो ये मंज़र देखा

अफ़ज़ल मिनहास

काँच की ज़ंजीर टूटी तो सदा भी आएगी

अफ़ज़ल मिनहास

गुज़रते लम्हों का मातम

आफ़ताब शम्सी

मेरे गले से आन के प्यारा जो फिर लगे

आफ़ताब शाह आलम सानी

वो आसमाँ के दरख़शिंदा राहियोँ जैसा

आफ़ताब इक़बाल शमीम

दिखाई जाएगी शहर-ए-शब में सहर की तमसील चल के देखें

आफ़ताब इक़बाल शमीम

फ़सील-ए-शहर-ए-तमन्ना में दर बनाते हुए

आफ़ताब हुसैन

असर देखा दुआ जब रात भर की

अफ़सर मेरठी

ऐ दोस्त तिरी बात सहर-ख़ेज़ बहुत है

अफ़रोज़ आलम

शब ढली मेरी और सहर न हुई

अफ़ीफ़ सिराज

हम अहल-ए-नज़ारा शाम-ओ-सहर आँखों को फ़िदया करते हैं

अफ़ीफ़ सिराज

चारों तरफ़ से मौत ने घेरा है ज़ीस्त को

आदिल मंसूरी

ये नहीं वो रहगुज़र कुछ और है

आदिल हयात

सुकून-ए-दिल फ़ना है और मैं हूँ

आदिल हयात

कोई पत्थर कोई गुहर क्यूँ है

अदीम हाशमी

रह-ए-हयात में जो लोग जावेदाँ निकले

अदील ज़ैदी

बड़े ताबाँ बड़े रौशन सितारे टूट जाते हैं

अदा जाफ़री

उजाला दे चराग़-ए-रहगुज़र आसाँ नहीं होता

अदा जाफ़री

गुलों सी गुफ़्तुगू करें क़यामतों के दरमियाँ

अदा जाफ़री

अचानक दिलरुबा मौसम का दिल-आज़ार हो जाना

अदा जाफ़री

नई सहर के हसीन सूरज तुझे ग़रीबों से वास्ता क्या

अबुल मुजाहिद ज़ाहिद

क़फ़स से छुटने पे शाद थे हम कि लज़्ज़त-ए-ज़िंदगी मिलेगी

अबुल मुजाहिद ज़ाहिद

गया तो हुस्न न दीवार में न दर में था

अबुल मुजाहिद ज़ाहिद

बे-नियाज़-ए-दहर कर देता है इश्क़

अबुल हसनात हक़्क़ी

बे-नियाज़ दहर कर देता है इश्क़

अबुल हसनात हक़्क़ी

बस्तियाँ लुटती हैं ख़्वाबों के नगर जलते हैं

अबु मोहम्मद सहर

मोहब्बत सेहर है यारो अगर हासिल हो यक-रूई

आबरू शाह मुबारक

कुछ है ख़बर फ़रिश्तों के जलते हैं पर कहाँ

अबरार शाहजहाँपुरी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.