व्यक्ति Poetry (page 19)

मौत उकता चुकी रीहरसल में

इदरीस बाबर

इक ख़ौफ़-ज़दा सा शख़्स घर तक

इदरीस बाबर

मैं उसे सोचता रहा या'नी

इदरीस बाबर

देखा नहीं चाँद ने पलट कर

इदरीस बाबर

करें सलाम उसे तो कोई जवाब न दे

इब्राहीम अश्क

मोहब्बतों में जो मिट मिट के शाहकार हुआ

इब्राहीम अश्क

करें सलाम उसे तो कोई जवाब न दे

इब्राहीम अश्क

देखा तो कोई और था सोचा तो कोई और

इब्राहीम अश्क

अना ने टूट के कुछ फ़ैसला किया ही नहीं

इब्राहीम अश्क

वो ख़्वाब जैसा था गोया सराब लगता था

इब्न-ए-मुफ़्ती

इस शहर में किस से मिलें हम से तो छूटीं महफ़िलें

इब्न-ए-इंशा

ये सराए है

इब्न-ए-इंशा

ये कौन आया

इब्न-ए-इंशा

सब माया है

इब्न-ए-इंशा

कल हम ने सपना देखा है

इब्न-ए-इंशा

इस बस्ती के इक कूचे में

इब्न-ए-इंशा

दिल-आशोब

इब्न-ए-इंशा

राज़ कहाँ तक राज़ रहेगा मंज़र-ए-आम पे आएगा

इब्न-ए-इंशा

कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा

इब्न-ए-इंशा

जाने तू क्या ढूँढ रहा है बस्ती में वीराने में

इब्न-ए-इंशा

जहाँ इक शख़्स भी मिलता नहीं है चाहने से

हुमैरा राहत

फ़साना अब कोई अंजाम पाना चाहता है

हुमैरा राहत

अपने घरों के कर दिए आँगन लहू लहू

हीरानंद सोज़

वो मेरे शीशा-ए-दिल दिल पर ख़राश छोड़ गया

हीरानंद सोज़

पहले तो ख़्वाब ज़ेहन में तश्कील हो गया

हीरानंद सोज़

कोई मोनिस नहीं मेरा कोई ग़म-ख़्वार नहीं

हीरानंद सोज़

कोई भी शख़्स जो वहम-ओ-गुमाँ की ज़द में रहा

हीरानंद सोज़

जिसे मिलें वही तन्हा दिखाई देता है

हीरानंद सोज़

आईना-दर-आईना

हिमायत अली शाएर

मैं सो रहा था और कोई बेदार मुझ में था

हिमायत अली शाएर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.