इस शहर में किस से मिलें हम से तो छूटीं महफ़िलें
हर शख़्स तेरा नाम ले हर शख़्स दीवाना तिरा
Mohsin Naqvi
Allama Iqbal
Wasi Shah
Anwar Masood
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Gulzar
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Ahmad Faraz
Javed Akhtar
Rahat Indori
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1293) Peoples Rate This
ऐ मतवालो! नाक़ों वालो!!
बे तेरे क्या वहशत हम को तुझ बिन कैसा सब्र ओ सुकूँ
ये बच्चा किस का बच्चा है
हम भूल सके हैं न तुझे भूल सकेंगे
उस शाम वो रुख़्सत का समाँ याद रहेगा
घूम रहा है पीत का प्यासा
एक से एक जुनूँ का मारा इस बस्ती में रहता है
लोग पूछेंगे
कूचे को तेरे छोड़ कर जोगी ही बन जाएँ मगर
जब दहर के ग़म से अमाँ न मिली हम लोगों ने इश्क़ ईजाद किया
किस को पार उतारा तुम ने किस को पार उतारोगे
सुनते हैं फिर छुप छुप उन के घर में आते जाते हो