अच्छा Poetry

बजाए कोई शहनाई मुझे अच्छा नहीं लगता

आमिर अमीर

कैसे समझेगा सदफ़ का वो गुहर से रिश्ता

अख़्तर हाशमी

तुझ को अपना के भी अपना नहीं होने देना

आमिर अमीर

रोए भगत कबीर

हबीब जालिब

कब लज़्ज़तों ने ज़ेहन का पीछा नहीं किया

अनवर अंजुम

महा-भारत

ग़ज़नफ़र

नदी किनारे बैठे रहना अच्छा है

ज़ुल्फ़िक़ार अहमद ताबिश

बिछड़ते दामनों में फूल की कुछ पत्तियाँ रख दो

ज़ुबैर रिज़वी

बैठे-बैठे इक दम से चौंकाती है

ज़ुबैर अली ताबिश

लो आज समुंदर के किनारे पे खड़ा हूँ

ज़िया फ़तेहाबादी

शब-भर का तिरा जागना अच्छा नहीं 'ज़ेहरा'

ज़ेहरा निगाह

औरत के ख़ुदा दो हैं हक़ीक़ी ओ मजाज़ी

ज़ेहरा निगाह

अपना हर अंदाज़ आँखों को तर-ओ-ताज़ा लगा

ज़ेहरा निगाह

ज़ेहरा ने बहुत दिन से कुछ भी नहीं लिक्खा है

ज़ेहरा निगाह

ये सच है यहाँ शोर ज़ियादा नहीं होता

ज़ेहरा निगाह

अपना हर अंदाज़ आँखों को तर-ओ-ताज़ा लगा

ज़ेहरा निगाह

मिडिल-क्लास

ज़ेहरा अलवी

ख़ुद-कलामी ख़ातून-ए-ख़ाना की

ज़ेहरा अलवी

वो दास्तान मुकम्मल करे तो अच्छा है

ज़ीशान साहिल

दूसरा आसमान

ज़ीशान साहिल

आधी ज़िंदगी

ज़ीशान साहिल

कोई क़ुसूर नहीं मेरी ख़ुश-गुमानी का

ज़ीशान साहिल

पहले क्या था जो किया करते थे तारीफ़ मिरी

ज़ेबा

क्या मिला क़ैस को गर्द-ए-रह-ए-सहरा हो कर

ज़ेबा

मजनूँ का जो ऐ लैला जूता न फटा होता

ज़रीफ़ लखनवी

ऐ दिल तिरी आहों में इतना तो असर आए

ज़की काकोरवी

नियाज़-ओ-नाज़ के साग़र खनक जाएँ तो अच्छा है

ज़ेब बरैलवी

मिरे दिल को मोहब्बत ख़ूब गरमाए तो अच्छा हो

ज़हीर अहमद ताज

जहान-ए-तंग में तन्हा हुआ मैं

ज़ाहिद फ़ारानी

गाड़ी की खिड़की से देखा शब को उस का शहर

ज़ाहिद फ़ारानी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.