शहर Poetry (page 7)
सूरज के साथ साथ उभारे गए हैं हम
यज़दानी जालंधरी
कुछ लोग जो नख़वत से मुझे घूर रहे हैं
यावर अब्बास
मुझे आगही का निशाँ समझ के मिटाओ मत
यासमीन हामिद
इतने आसूदा किनारे नहीं अच्छे लगते
यासमीन हमीद
दरिया की रवानी वही दहशत भी वही है
यासमीन हमीद
किसी कशिश के किसी सिलसिले का होना था
यासमीन हबीब
यूँ बाग़ कोई हम ने उजड़ता नहीं देखा
यशपाल गुप्ता
ऐसा भी नहीं दर्द ने वहशत नहीं की है
यशब तमन्ना
ज़ख़्म मेरे दिल पे इक ऐसा लगा
यासीन अफ़ज़ाल
रेत के इक शहर में आबाद हैं दर दर के लोग
यासीन अफ़ज़ाल
पहाड़ जैसी अज़्मतों का दाख़िला था शहर में
याक़ूब यावर
लहू महका तो सारा शहर पागल हो गया है
याक़ूब यावर
सुख़न को बे-हिसी की क़ैद से बाहर निकालूँ
याक़ूब यावर
जो तू नहीं तो मौसम-ए-मलाल भी न आएगा
याक़ूब यावर
हम अपनी पुश्त पर खुली बहार ले के चल दिए
याक़ूब यावर
मुसाफ़िरों के ये वहम-ओ-गुमाँ में था ही नहीं
याक़ूब तसव्वुर
मिरे चारों तरफ़ एक आहनी दीवार क्यूँ है
याक़ूब तसव्वुर
दिलों में दर्द ही उतना कशीद रक्खा है
याक़ूब तसव्वुर
दरून-ए-हल्का-ए-ज़ंजीर हूँ मैं
याक़ूब तसव्वुर
सुर्ख़ लावे की तरह तप के निखरना सीखो
याक़ूब राही
कोई बादल तपिश-ए-ग़म से पिघलता ही नहीं
याक़ूब राही
जागे ज़मीर ज़ेहन खुले ताज़गी मिले
याक़ूब राही
नज़रों में कहाँ उस की वो पहला सा रहा मैं
याक़ूब आमिर
क्या हुआ हम से जो दुनिया बद-गुमाँ होने लगी
याक़ूब आमिर
चंद घंटे शोर ओ ग़ुल की ज़िंदगी चारों तरफ़
याक़ूब आमिर
ख़ुदा गवाह
यहया अमजद
काम दीवानों को शहरों से न बाज़ारों से
यगाना चंगेज़ी
या रब तिरी रहमत का तलबगार है ये भी
वज़ीर आग़ा
तर्ग़ीब
वज़ीर आग़ा
निरवान
वज़ीर आग़ा
Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.
Sad Poetry in Urdu, 2 Lines Poetry in Urdu, Ahmad Faraz Poetry in Urdu, Sms Poetry in Urdu, Love Poetry in Urdu, Rahat Indori Poetry, Wasi Shah Poetry in Urdu, Faiz Ahmad Faiz Poetry, Anwar Masood Poetry Funny, Funnu Poetry in Urdu, Ghazal in Urdu, Romantic Poetry in Urdu, Poetry in Urdu for Friends