सूरज Poetry (page 21)

न कर शुमार कि हर शय गिनी नहीं जाती

फ़ज़्ल ताबिश

मिलों के शहर में घटता हुआ दिन सोचता होगा

फ़ज़्ल ताबिश

ख़्वाहिशों के हिसार से निकलो

फ़ज़्ल ताबिश

हर इक दरवाज़ा मुझ पर बंद होता

फ़ज़्ल ताबिश

लहू ही कितना है जो चश्म-ए-तर से निकलेगा

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

हाथ फैलाओ तो सूरज भी सियाही देगा

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

किसी को सोचना दिल का गुदाज़ हो जाना

फ़य्याज़ फ़ारुक़ी

ख़िज़ाँ में चीनी चाय की दावत

फ़े सीन एजाज़

आँख और नींद के रिश्ते मुझे वापस कर दे

फ़े सीन एजाज़

हवा ने छीन लिया आ के मेरे होंटों से

फ़व्वाद अहमद

उस की दीवार पे मनक़ूश है वो हर्फ़-ए-वफ़ा

फ़सीह अकमल

ग़ुबार-ए-तंग-ज़ेहनी सूरत-ए-ख़ंजर निकलता है

फ़सीह अकमल

चश्म-ए-हैरत को तअल्लुक़ की फ़ज़ा तक ले गया

फ़सीह अकमल

तन्हा छोड़ के जाने वाले इक दिन पछताओगे

फ़र्रुख़ ज़ोहरा गिलानी

अयाज़ चुप है

फर्रुख यार

जिस्म के अंदर जो सूरज तप रहा है

फ़र्रुख़ जाफ़री

था अबस ख़ौफ़ कि आसेब-ए-गुमाँ मैं ही था

फ़र्रुख़ जाफ़री

रौशनी से किस तरह पर्दा करेंगे

फ़र्रुख़ जाफ़री

धूप छूती है बदन को जब 'शमीम'

फ़ारूक़ शमीम

दर्द के चेहरे बदल जाते हैं क्यूँ

फ़ारूक़ शमीम

वो अलग चुप है ख़ुद से शर्मा कर

फ़ारूक़ शफ़क़

दिन को थे हम इक तसव्वुर रात को इक ख़्वाब थे

फ़ारूक़ शफ़क़

एक परी आकाश से उतरी

फ़ारूक़ नाज़की

उजले माथे पे नाम लिख रक्खें

फ़ारूक़ मुज़्तर

शफ़क़-ए-शब से उभरता हुआ सूरज सोचें

फ़ारूक़ मुज़्तर

यारों को क्या ढूँड रहे हो वक़्त की आँख-मिचोली में

फ़ारूक़ अंजुम

चाँदनी ने रात का मौसम जवाँ जैसे किया

फ़ारिग़ बुख़ारी

चाँदनी ने रात का मौसम जवाँ जैसे किया

फ़ारिग़ बुख़ारी

जब तक चराग़-ए-शाम-ए-तमन्ना जले चलो

फ़रहत शहज़ाद

मसअला आज मिरे इश्क़ का तू हल कर दे

फ़रहत नदीम हुमायूँ

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.