श्री गुरु-नानक
राज़-ए-क़ुदरत के ख़बर-दार गुरु-नानक थे
वाक़िफ़-ए-आलम-ए-असरार गुरु-नानक थे
नशा-ए-हुस्न-ए-हक़ीक़ी से थे मदहोश-ए-अज़ल
बादा-ए-नाब से सरशार गुरु-नानक थे
क्यूँ महक उठता न ख़ुश्बू से दिमाग़-ए-आलम
निगहत-ए-गुलशन-ए-इसरार गुरु-नानक थे
ज़िक्र-ए-मा'बूद-ए-हक़ीक़ी में ज़बान से 'शातिर'
साया-ए-रहमत-ए-ग़फ़्फ़ार गुरु-नानक थे
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