आसमाँ Poetry (page 22)

खंडर ये फिर बसाने का इरादा ही नहीं था

दानियाल तरीर

पुकारती है ख़मोशी मिरी फ़ुग़ाँ की तरह

दाग़ देहलवी

फिरे राह से वो यहाँ आते आते

दाग़ देहलवी

काबे की है हवस कभी कू-ए-बुताँ की है

दाग़ देहलवी

जल्वे मिरी निगाह में कौन-ओ-मकाँ के हैं

दाग़ देहलवी

ग़ज़ब किया तिरे वअ'दे पे ए'तिबार किया

दाग़ देहलवी

लोग जिन को आज तक बार-ए-गराँ समझा किए

डी. राज कँवल

हम सोचते हैं रात में तारों को देख कर

चकबस्त ब्रिज नारायण

सर-ए-दश्त दिल जो सराब था कोई ख़्वाब था

बुशरा हाश्मी

अभी बादलों का सफ़र कहाँ मिरे मेहरबाँ

बुशरा हाश्मी

पास होने का इशारा मिल गया

बबल्स होरा सबा

होती नहीं रसाई-ए-बर्क़-ए-तपाँ कहाँ

ब्रहमा नन्द जलीस

वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ

बिस्मिल अज़ीमाबादी

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

बिस्मिल अज़ीमाबादी

जिन पर निसार शम्स-ओ-क़मर आसमाँ के हैं

बिशन नरायण दराबर

हिजाब दूर तुम्हारा शबाब कर देगा

बेख़ुद देहलवी

क़स्र-ए-जानाँ तक रसाई हो किसी तदबीर से

बेदम शाह वारसी

क़फ़स की तीलियों से ले के शाख़-ए-आशियाँ तक है

बेदम शाह वारसी

कभी यहाँ लिए हुए कभी वहाँ लिए हुए

बेदम शाह वारसी

सुब्ह क़यामत आएगी कोई न कह सका कि यूँ

बयान मेरठी

खुला है जल्वा-ए-पिन्हाँ से अज़-बस चाक वहशत का

बयान मेरठी

किसी के नक़्श-ए-क़दम का निशाँ नहीं मिलता

बासित भोपाली

किसे ख़बर है मैं दिल से कि जाँ से गुज़रूँगा

बशीर सैफ़ी

उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से

बशीर बद्र

मुझे मालूम है उस का ठिकाना फिर कहाँ होगा

बशीर बद्र

मिरे साथ चलने वाले तुझे क्या मिला सफ़र में

बशीर बद्र

कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए

बशीर बद्र

ये चराग़ बे-नज़र है ये सितारा बे-ज़बाँ है

बशीर बद्र

वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है

बशीर बद्र

उदासी आसमाँ है दिल मिरा कितना अकेला है

बशीर बद्र

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.