अंधेरे Poetry (page 8)

हर एक पल की उदासी को जानता है तो आ

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

इस अँधेरे में चराग़-ए-ख़्वाब की ख़्वाहिश नहीं

ग़ुलाम हुसैन साजिद

सुब्ह तक जिन से बहुत बेज़ार हो जाता हूँ मैं

ग़ुलाम हुसैन साजिद

एक घर अपने लिए तय्यार करना है मुझे

ग़ुलाम हुसैन साजिद

सुख़न का लहजा गुमान-ख़ाने में रह गया है

ग़ज़नफ़र हाशमी

कली कली का बदन फोड़ कर जो निकला है

फ़ज़्ल ताबिश

अपनी पहचान कोई ज़माने में रख

फ़ारूक़ शफ़क़

था पा-शिकस्ता आँख मगर देखती तो थी

फ़रहत क़ादरी

ख़ुद से इंकार को हम-ज़ाद किया है मैं ने

फ़रहत एहसास

फ़नकार और मौत

फ़रीद इशरती

सुब्ह-ए-नौ लाती है हर शाम तुम्हें क्या मा'लूम

फ़ैज़ुल हसन

हम तो मजबूर थे इस दिल से

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

दर्द आएगा दबे पाँव

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

'शोपीं' का नग़्मा बजता है

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

इश्क़ की आज इंतिहा कर दो

फ़ैसल फेहमी

सोच

फ़हमीदा रियाज़

अबद

फ़हमीदा रियाज़

तुम ऐसा करना कि कोई जुगनू कोई सितारा सँभाल रखना

एज़ाज़ अहमद आज़र

आज दिल है कि सर-ए-शाम बुझा लगता है

एज़ाज़ अफ़ज़ल

सदा-ए-अहद-ए-वफ़ा को ज़वाल क्यूँ आया

एजाज़ अासिफ़

देख कर जादा-ए-हस्ती पे सुबुक-गाम मुझे

एहतिशाम हुसैन

शहर के अंधेरे को इक चराग़ काफ़ी है

एहतिशाम अख्तर

सुर्ख़ मौसम की कहानी है पुरानी हो न हो

एहतराम इस्लाम

इस दौर-ए-तरक़्क़ी के अंदाज़ निराले हैं

दिवाकर राही

आइने से कब तलक तुम अपना दिल बहलाओगे

दिनेश ठाकुर

ज़माने ठीक है इन से बहुत हुए रौशन

दिनेश नायडू

रात

दाऊद ग़ाज़ी

क्या वहीं मिलोगे तुम

दर्शिका वसानी

एक और शराबी शाम

दर्शिका वसानी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.