नदी Poetry (page 21)

आरज़ूओं का हसीं पैकर तराश

सज्जाद सय्यद

दो किनारे हों तो सैल-ए-ज़िंदगी दरिया बने

सज्जाद बाक़र रिज़वी

छलकी हर मौज-ए-बदन से हुस्न की दरिया-दिली

सज्जाद बाक़र रिज़वी

ज़हर इन के हैं मिरे देखे हुए भाले हुए

सज्जाद बाक़र रिज़वी

सर से जुनून-ए-इश्क़ का सौदा निकालिए

सज्जाद बाक़र रिज़वी

पूछो मुझे ऐ हम-नफ़साँ कौन हूँ क्या हूँ

सज्जाद बाक़र रिज़वी

नवाह-ए-शौक़ में है इक दयार-ए-निकहत-ए-गुल

सज्जाद बाक़र रिज़वी

लफ़्ज़ जब कोई न हाथ आया मआनी के लिए

सज्जाद बाक़र रिज़वी

इश्क़ तो सारी उम्र का इक पेशा निकला

सज्जाद बाक़र रिज़वी

मी-यौमिल-हिसाब

साजिदा ज़ैदी

कलियाँ नीला आसमान ज़ंजीर

साजिदा ज़ैदी

हमारी रूह का नग़्मा कहाँ है?

साजिदा ज़ैदी

नया रौशन सहीफ़ा दिख रहा नईं

साजिद हमीद

दोस्तो के काम आना जुर्म है

साजिद असर

हर आइने में तिरे ख़द्द-ओ-ख़ाल आते हैं

साजिद अमजद

कुछ बे-नाम तअल्लुक़ जिन को नाम अच्छा सा देने में

साइमा असमा

नज़र में वो उतारे जा रहे हैं

साइम जी

जैसे दरिया में गुहर बोलता है

सैफ़ुद्दीन सैफ़

एक उदासी दिल पर छाई रहती है

सैफ़ुद्दीन सैफ़

क्यूँ जल-बुझे कहीं तो गिरफ़्तार बोलते

सैफ़ ज़ुल्फ़ी

तेरे महल में कैसे बसर हो इस की तो गीराई बहुत है

साहिर होशियारपुरी

शाम को सुब्ह अँधेरे को उजाला लिक्खें

साहिर होशियारपुरी

ग़म का सहरा न मिला दर्द का दरिया न मिला

साहिर होशियारपुरी

दिल को यकसूई ने दी तर्क-ए-तअ'ल्लुक़ की सलाह

साहिर देहल्वी

दिल है बहर-ए-बे-कराँ दिल की उमंग

साहिर देहल्वी

नौ-ब-नौ एक उमडता हुआ तूफ़ान था मैं

साहिल अहमद

इक बर्फ़ का दरिया अंदर था

साहिबा शहरयार

'सहबा' साहब दरिया हो तो दरिया जैसी बात करो

सहबा अख़्तर

गूँज मिरे गम्भीर ख़यालों की मुझ से टकराती है

सहबा अख़्तर

हम ने आदाब-ए-ग़म का पास किया

सहर अंसारी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.