फ़िराक़ Poetry (page 8)

शब-ए-विसाल लगाया जो उन को सीने से

हफ़ीज़ जौनपुरी

मुसीबतें तो उठा कर बड़ी बड़ी भूले

हफ़ीज़ जौनपुरी

मुँह मिरा एक एक तकता था

हफ़ीज़ जौनपुरी

कोई जहाँ में न यारब हो मुब्तला-ए-फ़िराक़

हफ़ीज़ जौनपुरी

तन्हाई-ए-फ़िराक़ में उम्मीद बार-हा

हफ़ीज़ जालंधरी

मस्तों पे उँगलियाँ न उठाओ बहार में

हफ़ीज़ जालंधरी

बे-चारगी-ए-हसरत-ए-दीदार देखना

हफ़ीज़ होशियारपुरी

अब कोई आरज़ू नहीं शौक़-ए-पयाम के सिवा

हफ़ीज़ होशियारपुरी

क़दम शबाब में अक्सर बहकने लगता है

हफ़ीज़ बनारसी

कम पुराना बहुत नया था फ़िराक़

हबीब जालिब

गुलों का दौर है बुलबुल मज़े बहार में लूट

हबीब मूसवी

फ़िराक़ में दम उलझ रहा है ख़याल-ए-गेसू में जांकनी है

हबीब मूसवी

उल्फ़त ये छुपाएँ हम किसी की

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

अपना हर उज़्व चश्म-ए-बीना है

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

उन से कहा कि सिद्क़-ए-मोहब्बत मगर दरोग़

ग़ुलाम मौला क़लक़

तुझे कल ही से नहीं बे-कली न कुछ आज ही से रहा क़लक़

ग़ुलाम मौला क़लक़

हो जुदा ऐ चारा-गर है मुझ को आज़ार-ए-फ़िराक़

ग़ुलाम मौला क़लक़

दाग़-ए-फ़िराक़-ए-सोहबत-ए-शब की जली हुई

ग़ालिब

ज़ुल्मत-कदे में मेरे शब-ए-ग़म का जोश है

ग़ालिब

वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ

ग़ालिब

सब कहाँ कुछ लाला-ओ-गुल में नुमायाँ हो गईं

ग़ालिब

नहीं कि मुझ को क़यामत का ए'तिक़ाद नहीं

ग़ालिब

गिला है शौक़ को दिल में भी तंगी-ए-जा का

ग़ालिब

आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे

ग़ालिब

गुज़र रही है मगर ख़ासे इज़्तिराब के साथ

फ़ुज़ैल जाफ़री

किस लिए कम नहीं है दर्द-ए-फ़िराक़

फ़िराक़ गोरखपुरी

जुदाई

फ़िराक़ गोरखपुरी

किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी

फ़िराक़ गोरखपुरी

जिसे लोग कहते हैं तीरगी वही शब हिजाब-ए-सहर भी है

फ़िराक़ गोरखपुरी

पूरे क़द से मैं खड़ा हूँ सामने आएगा क्या

फ़ारूक़ नाज़की

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.