ख़ामुशी Poetry (page 3)

मेरे होंटों पे ख़ामुशी है बहुत

शकील आज़मी

समझ सको तो ये तिश्ना-लबी समुंदर है

शकेब जलाली

कब सुनी तुम ने रागनी मेरी

शाइस्ता सहर

बुलंदी की पैमाइश

शहज़ाद नय्यर

शिकस्ता छत में परिंदों को जब ठिकाना मिला

शहज़ाद नय्यर

कब तक कड़कती धूप में आँखें जलाएँ हम

शहज़ाद अहमद

आख़िरी साँस

शहरयार

मुनकिर-ए-हक़

शहराम सर्मदी

किसी से हाथ किसी से नज़र मिलाते हुए

शहनाज़ नूर

आँसुओं में ज़रा सी हँसी घोल कर

शाहिद मीर

जो देखता है मुझे आईने के अंदर से

शाहिद कलीम

मिरे क़रीब से गुज़रा इक अजनबी की तरह

शाहिद इश्क़ी

दिए का काम अब आँखें दिखाना रह गया है

शाहीन अब्बास

दुश्मनी लर्ज़ां है यारो दोस्ती के सामने

शफ़ीउल्लाह राज़

मैं हम-नफ़स हूँ मुझे राज़-दाँ भी करना था

शफ़क़ सुपुरी

हम उन से कर गए हैं किनारा कभी कभी

शादाँ इंदौरी

भरे हों आँख में आँसू ख़मीदा गर्दन हो

शाद अज़ीमाबादी

यही बस एक दुआ माँगना नहीं आता

सीन शीन आलम

आख़िरश आराइशों की ज़िंदगी चुभने लगी

सौरभ शेखर

नींद से जागी हुई आँखों को अंधा कर दिया

सरमद सहबाई

वो ख़ुश-ख़िराम कि बुर्ज-ए-ज़वाल में न मिला

साक़ी फ़ारुक़ी

दामन में आँसुओं का ज़ख़ीरा न कर अभी

साक़ी फ़ारुक़ी

बदन सिमटा हुआ और दश्त-ए-जाँ फैला हुआ है

सालिम सलीम

रौशन सुकूत सब उसी शो'ला-बयाँ से है

सलीम शाहिद

मैं जानता हूँ मकीनों की ख़ामुशी का सबब

सलीम कौसर

अभी जो गर्दिश-ए-अय्याम से मिला हूँ मैं

सलीम कौसर

हर क़दम आगही की सम्त गया

सलीम फ़िगार

अभी मौजूद थी लेकिन अभी गुम हो गई है

सलीम फ़राज़

गुज़रा है नागवार उन्हें बे-कसी का शोर

सज्जाद शम्सी

नुमायाँ और भी रुख़ तेरी बे-रुख़ी में रहे

सज्जाद बाक़र रिज़वी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.