छाया Poetry (page 10)

वो अब्र साया-फ़गन था जो रहमतों की तरह

सैफ़ अली

ये इख़्लास-ए-गराँ-माया बहुत है

साहिर होशियारपुरी

वो जिस को हम ने अपनाया बहुत है

साहिर होशियारपुरी

ग़म का सहरा न मिला दर्द का दरिया न मिला

साहिर होशियारपुरी

नक़्श डरेगा जंगल में

साहिल अहमद

मैं लबादा ओढ़ कर जाने लगा

साहिल अहमद

धूप थी साया उठा कर रख दिया

साहिल अहमद

हवा ने सीने में ख़ंजर छुपा के रक्खा है

साहिबा शहरयार

मिरी तन्हाइयों को कौन समझे

सहबा अख़्तर

हर रात का ख़्वाब

सहबा अख़्तर

कुल जहाँ इक आईना है हुस्न की तहरीर का

सहबा अख़्तर

जिसे लिख लिख के ख़ुद भी रो पड़ा हूँ

सहबा अख़्तर

जिसे लिख लिख के ख़ुद भी रो पड़ा हूँ

सहबा अख़्तर

क़ाबील का साया

सहर अंसारी

इक आस का धुँदला साया है इक पास का तपता सहरा है

सहर अंसारी

किसी इंसान को अपना नहीं रहने देते

सग़ीर मलाल

ऐसी नहीं है बात कि क़द अपने घट गए

साग़र आज़मी

फिर कोई आ रहा है दिल के क़रीब

सफ़दर मीर

नज़्म

सईदुद्दीन

हिज्र तन्हाई के लम्हों में बहुत बोलता है

सईद क़ैस

अब्र का साया ओ सब्ज़ा राह का

सदरुद्दीन मोहम्मद फ़ाएज़

मेरी जाँ वो बादा-ख़्वारी याद है

सदरुद्दीन मोहम्मद फ़ाएज़

ये इंतिहा-ए-जुनूँ है कि ग़ैर ही सा लगा

सादिक़ इंदौरी

आग थी ऐसी कि अरमाँ जल गए

सदफ़ जाफ़री

पलकों पर नम क्या फैल गया

साबिर वसीम

और मोड़ ने कहा

साबिर दत्त

चिलचिलाती-धूप थी लेकिन था साया हम-क़दम

साबिर

ख़ूबियों को मस्ख़ कर के ऐब जैसा कर दिया

साबिर

बे-ख़याली में तख़्लीक़

सबीला इनाम सिद्दीक़ी

वो आलम तिश्नगी का है सफ़र आसाँ नहीं लगता

सबीला इनाम सिद्दीक़ी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.