संबंध Poetry (page 9)

किस को पार उतारा तुम ने किस को पार उतारोगे

इब्न-ए-इंशा

दिल को दरून-ए-ख़्वाब का मौसम बोझल रखता है

हुमैरा रहमान

वो बद-दुआ उसे समझे अगर दुआ लिक्खूँ

हयात लखनवी

बुतों का ज़िक्र करो वाइज़ ख़ुदा को किस ने देखा है

हातिम अली मेहर

इन दोनों घर का ख़ाना-ख़ुदा कौन ग़ैर है

हसरत अज़ीमाबादी

हादिसा इश्क़ में दरपेश हुआ चाहता है

हाशिम रज़ा जलालपुरी

शाख़ से फूल को फिर जुदा कर दिया

हसन निज़ामी

वहशत-ए-जाँ को पयाम-ए-निगह-ए-नाज़ तो दो

हसन नईम

लुत्फ़-ए-आग़ाज़ मिला लज़्ज़त-ए-अंजाम के बा'द

हसन नईम

कोह के सीने से आब-ए-आतशीं लाता कोई

हसन नईम

ग़म से बिखरा न पाएमाल हुआ

हसन नईम

मैं तर्क-ए-तअल्लुक़ पे भी आमादा हूँ लेकिन

हसन अब्बास रज़ा

सीने की ख़ानक़ाह में आने नहीं दिया

हसन अब्बास रज़ा

घर लौटते हैं जब भी कोई यार गँवा कर

हसन अब्बास रज़ा

हवा सैराब करती है

हारिस ख़लीक़

अभी न जाओ अभी रास्ते सजे भी नहीं

हनीफ़ असअदी

लोग मिलने को चले आते हैं दीवाने से

हनीफ़ अख़गर

ख़ल्वत-ए-जाँ में तिरा दर्द बसाना चाहे

हनीफ़ अख़गर

प्यार ईसार वफ़ा शेर-ओ-हुनर की बातें

हमीदा शाहीन

एक इंसान हूँ इंसाँ का परस्तार हूँ मैं

हामिद मुख़्तार हामिद

उस के करम से है न तुम्हारी नज़र से है

हमीद अलमास

हो आँख अगर ज़िंदा गुज़रती है न क्या क्या

हकीम मंज़ूर

तुम्हारे इश्क़ में किस किस तरह ख़राब हुए

हैदर क़ुरैशी

लफ़्ज़ तेरी याद के सब बे-सदा कर आए हैं

हैदर क़ुरैशी

अस्र-ए-जदीद आया बड़ी धूम-धाम से

हैदर अली जाफ़री

कौन कहता है कि महरूमी का शिकवा न करो

हफ़ीज़ मेरठी

बे-तअल्लुक़ ज़िंदगी अच्छी नहीं

हफ़ीज़ जालंधरी

बे-तअल्लुक़ ज़िंदगी अच्छी नहीं

हफ़ीज़ जालंधरी

बहुत रौशन है शाम-ए-ग़म हमारी

हबीब जालिब

बातें तो कुछ ऐसी हैं कि ख़ुद से भी न की जाएँ

हबीब जालिब

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.