वफ़ा Poetry

हासिल किसी से नक़्द-ए-हिमायत न कर सका

ग़ुलाम हुसैन साजिद

इक्कीसवीं सदी का इश्क़

मर्यम तस्लीम कियानी

किस रंग में हैं अहल-ए-वफ़ा उस से न कहना

महमूद शाम

बाज़-गश्त

अर्श सिद्दीक़ी

ज़मीं से ता-ब-फ़लक कोई फ़ासला भी नहीं

आरिफ़ अब्दुल मतीन

चाँद तारे जिसे हर शब देखें

अनवर अंजुम

नद्दी ये जैसे मौज में दरिया से जा मिले

जानाँ मलिक

ग़ुरूब होते हुए सूरजों के पास रहे

वफ़ा नक़वी

इक तेरी बे-रुख़ी से ज़माना ख़फ़ा हुआ

अर्श सिद्दीक़ी

गाँधी के बा'द

इज़हार मलीहाबादी

इस दिल से मिरे इश्क़ के अरमाँ को निकालो

बदन को छू लें तिरे और सुर्ख़-रू हो लें

ले के दिल कहते हो उल्फ़त क्या है

बहार बन के जब से वो मिरे जहाँ पे छाए हैं

अहिंसा की पहली सुनहरी किरन

फ़ुग़ाँ के साथ तिरे राहत-ए-क़रार चले

नज़र से छुप गए दिल से जुदा तो होना था

जज़्बा-ए-दर्द-ए-मुहब्बत ने अगर साथ दिया

तेरा अंदाज़-ए-सुख़न सब से जुदा लगता है

ज़ुहूर-उल-इस्लाम जावेद

फिर सर-ए-दार-ए-वफ़ा रस्म ये डाली जाए

ज़ुहूर-उल-इस्लाम जावेद

ज़ुल्म तो ये है कि शाकी मिरे किरदार का है

ज़ुहूर नज़र

सहरा में घटा का मुंतज़िर हूँ

ज़ुहूर नज़र

छोड़ कर दिल में गई वहशी हवा कुछ भी नहीं

ज़ुहूर नज़र

रात फिर दर्द बनी

ज़ुबैर रिज़वी

नया जन्म

ज़ुबैर रिज़वी

था हर्फ़-ए-शौक़ सैद हुआ कौन ले गया

ज़ुबैर रिज़वी

आँखों में है बसा हुआ तूफ़ान देखना

ज़ुबैर फ़ारूक़

वैसे तू मेरे मकाँ तक तू चला आता है

ज़ुबैर अली ताबिश

अब्र-ए-आवारा से मुझ को है वफ़ा की उम्मीद

ज़िया जालंधरी

अब ये आँखें किसी तस्कीन से ताबिंदा नहीं

ज़िया जालंधरी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.