Heart Broken Poetry of Azeem Murtaza

Heart Broken Poetry of Azeem Murtaza
नामअज़ीम मुर्तज़ा
अंग्रेज़ी नामAzeem Murtaza
जन्म की तारीख1923
मौत की तिथि1983

टूटा तो अज़ीज़ और हुआ अहल-ए-वफ़ा को

कुछ नक़्श तिरी याद के बाक़ी हैं अभी तक

ये और बात है कि मदावा-ए-ग़म न था

वही यकसानियत-ए-शाम-ओ-सहर है कि जो थी

नीम-शब आतिश-ए-फ़रियाद-ए-असीराँ रौशन

महरूमी के दुख और तन्हाई के रंज उठाए

लाई न सबा बू-ए-चमन अब के बरस भी

कुछ नक़्श तिरी याद के बाक़ी हैं अभी तक

कुछ भी हो मिरा हाल नुमायाँ तो नहीं है

जब से है वो रौनक़-ए-महफ़िल आँखों में

ग़म का ये सलीक़ा भी रह गया है अब हम तक

फ़ुग़ाँ से तर्क-ए-फ़ुग़ाँ तक हज़ार तिश्ना-लबी है

अफ़्साना-ए-हयात-ए-परेशाँ के साथ साथ

अज़ीम मुर्तज़ा Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अज़ीम मुर्तज़ा. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अज़ीम मुर्तज़ा. Share the अज़ीम मुर्तज़ा Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.