Bewafa Poetry (page 40)
हसीन नग़्मा-सराओ! बहार के दिन हैं
अब्दुल हमीद अदम
हर परी-वश को ख़ुदा तस्लीम कर लेता हूँ मैं
अब्दुल हमीद अदम
भूली-बिसरी बातों से क्या तश्कील-ए-रूदाद करें
अब्दुल हमीद अदम
बस इस क़दर है ख़ुलासा मिरी कहानी का
अब्दुल हमीद अदम
बहुत से लोगों को ग़म ने जिला के मार दिया
अब्दुल हमीद अदम
आगही में इक ख़ला मौजूद है
अब्दुल हमीद अदम
इस से पहले कि हमें अहल-ए-जफ़ा रुस्वा करें
अब्दुल हमीद साक़ी
नक़्श-ए-दिल है सितम जुदाई का
अब्दुल ग़फ़ूर नस्साख़
क़ज़ा से क़र्ज़ किस मुश्किल से ली उम्र-ए-बक़ा हम ने
अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद
यूँ तो शीराज़ा-ए-जाँ कर के बहम उठते हैं
अब्बास ताबिश
तिलिस्म-ए-ख़्वाब से मेरा बदन पत्थर नहीं होता
अब्बास ताबिश
शाख़ पर फूल फ़लक पर कोई तारा भी नहीं
अब्बास ताबिश
जब कोई तीर हवादिस की कमाँ से आया
अब्बास रिज़वी
हर तरफ़ शोर-ए-फ़ुग़ाँ है कोई सुनता ही नहीं
अब्बास रिज़वी
कोई सुबूत-ए-जुर्म जगह पर नहीं मिला
अब्बास दाना
बेवफ़ाई उस ने की मेरी वफ़ा अपनी जगह
अब्बास दाना
ये तुम से किस ने कहा है कि दास्ताँ न कहो
अब्बास अलवी
जो सारे हम-सफ़र इक बार हिर्ज़-ए-जाँ कर लें
अब्बास अलवी
ज़र्फ़ है किस में कि वो सारा जहाँ ले कर चले
आज़िम कोहली
हो सितम कैसा भी अब हालात की शमशीर का
आज़िम कोहली
उल्फ़तों का ख़ुदा नहीं हूँ मैं
अातिश इंदौरी
काश मैं तुझ सा बेवफ़ा होता
अातिश इंदौरी
मुझे भी इक सितमगर के करम से
अातिश बहावलपुरी
सितम को उन का करम कहें हम जफ़ा को मेहर-ओ-वफ़ा कहें हम
अातिश बहावलपुरी
मुझे उन से मोहब्बत हो गई है
अातिश बहावलपुरी
कमाल-ए-हुस्न का जिस से तुम्हें ख़ज़ाना मिला
अातिश बहावलपुरी
इंतिहा होने से पहले सोच ले
अस्नाथ कंवल
तुझे हम याद हर-दम ऐ सितम ईजाद करते हैं
आसी रामनगरी
हमें भी आज ही करना था इंतिज़ार उस का
आशुफ़्ता चंगेज़ी
हवाएँ तेज़ थीं ये तो फ़क़त बहाने थे
आशुफ़्ता चंगेज़ी