Bewafa Poetry (page 39)
तेरी दुनिया की कज-अदाई से
आबिद वदूद
जब आसमान पर मह-ओ-अख़्तर पलट कर आए
आबिद मुनावरी
दिल में लिए औहाम को इस घर से उठा मैं
अब्दुर्राहमान वासिफ़
अच्छा है कोई तीर-बा-नश्तर भी ले चलो
अब्दुल्लतीफ़ शौक़
वो शख़्स क्या है मिरे वास्ते सुनाएँ उसे
अब्दुल्लाह कमाल
करते नहीं जफ़ा भी वो तर्क-ए-वफ़ा के साथ
अब्दुल रहमान ख़ान वासिफ़ी बहराईची
अदब में मुद्दई-ए-फ़न तो बे-शुमार मिले
अब्दुल रहमान ख़ान वासिफ़ी बहराईची
सितम सा कोई सितम है तिरा पनाह तिरी
अब्दुल रहमान एहसान देहलवी
न अदा मुझ से हुआ उस सितम-ईजाद का हक़
अब्दुल रहमान एहसान देहलवी
क्यूँ ख़फ़ा तू है क्या कहा मैं ने
अब्दुल रहमान एहसान देहलवी
ग़ैर के दिल पे तू ऐ यार ये क्या बाँधे है
अब्दुल रहमान एहसान देहलवी
दोश-ब-दोश दोश था मुझ से बुत-ए-करिश्मा-कोश
अब्दुल रहमान एहसान देहलवी
दिलबर ये वो है जिस ने दिल को दग़ा दिया है
अब्दुल रहमान एहसान देहलवी
ग़म-ए-हयात ग़म-ए-दिल निशात-ए-जाँ गुज़रा
अब्दुल मतीन नियाज़
ज़लज़ले सख़्त आते रहे रात-भर
अब्दुल मन्नान तरज़ी
ख़ून जब अश्क में ढलता है ग़ज़ल होती है
अब्दुल मन्नान तरज़ी
बज़्म में वो बैठता है जब भी आगे सामने
अब्दुल मन्नान समदी
कुछ हसीं यादें भी हैं दीदा-ए-नम के साथ साथ
अब्दुल मलिक सोज़
दिल ग़म-ए-इश्क़ के इज़हार से कतराता है
अब्दुल मलिक सोज़
न मोहतसिब की न हूर-ओ-जिनाँ की बात करो
अब्दुल मजीद सालिक
जो मुश्त-ए-ख़ाक हो उस ख़ाक-दाँ की बात करो
अब्दुल मजीद सालिक
बेवफ़ा कहिए बा-वफ़ा कहिए
अब्दुल मजीद ख़ाँ मजीद
जिस से छुपना चाहता हूँ मैं 'अदम'
अब्दुल हमीद अदम
देखा है किस निगाह से तू ने सितम-ज़रीफ़
अब्दुल हमीद अदम
ज़ख़्म दिल के अगर सिए होते
अब्दुल हमीद अदम
वो सूरज इतना नज़दीक आ रहा है
अब्दुल हमीद अदम
साक़ी शराब ला कि तबीअ'त उदास है
अब्दुल हमीद अदम
मोहतात ओ होशियार तो बे-इंतिहा हूँ मैं
अब्दुल हमीद अदम
कितनी बे-साख़्ता ख़ता हूँ मैं
अब्दुल हमीद अदम
कश्ती चला रहा है मगर किस अदा के साथ
अब्दुल हमीद अदम