बारिश Poetry (page 25)
सिलसिले सब रुक गए दिल हाथ से जाता रहा
आज़िम कोहली
आ कि चाहत वस्ल की फिर से बड़ी पुर-ज़ोर है
आज़िम कोहली
काग़ज़ क़लम दवात के अंदर रुक जाता है
अस्नाथ कंवल
बर्क़ बाराँ तीरगी और ज़लज़ला
आसिम शहनवाज़ शिबली
ख़ाक सहरा में उड़ाती है ये दीवानी हवा
आसी फ़ाईकी
बदन भीगेंगे बरसातें रहेंगी
आशुफ़्ता चंगेज़ी
बदन भीगेंगे बरसातें रहेंगी
आशुफ़्ता चंगेज़ी
मिलन की साअ'त को इस तरह से अमर किया है
आनिस मुईन
हो गए आँगन जुदा और रास्ते भी बट गए
आनन्द सरूप अंजुम
तुम्हारे पास आते हैं तो साँसें भीग जाती हैं
आलोक श्रीवास्तव
हमेशा ज़िंदगी की हर कमी को जीते रहते हैं
आलोक श्रीवास्तव
नुमूद-ए-क़ुदरत-ए-पर्वरदिगार हम भी हैं
आग़ा अकबराबादी
दौर साग़र का चले साक़ी दोबारा एक और
आग़ा अकबराबादी
दीवाली
आफ़ताब राईस पानीपती
आँधियाँ ग़म की चलीं और कर्ब-बादल छा गए
अाबिदा उरूज