बारिश Poetry (page 24)
वसवसे दिल में न रख ख़ौफ़-ए-रसन ले के न चल
अबरार किरतपुरी
ज़िंदा आदमी से कलाम
अबरार अहमद
मिट्टी थी किस जगह की
अबरार अहमद
मेरे पास क्या कुछ नहीं
अबरार अहमद
मौत दिल से लिपट गई उस शब
अबरार अहमद
दवाम-ए-वस्ल का ख़्वाब
अबरार अहमद
आँखें तरस गई हैं
अबरार अहमद
कोई सोचे न हमें कोई पुकारा न करे
अबरार अहमद
और किस का घर कुशादा है कहाँ ठहरेगी रात
आबिद मुनावरी
आख़िरी बार ज़माने को दिखाया गया हूँ
आबिद मलिक
चुप
अब्दुर्रशीद
उल्फ़त में तेरा रोना 'एहसाँ' बहुत बजा है
अब्दुल रहमान एहसान देहलवी
मुन्कशिफ़ तल्ख़ी-ए-हालात न होने पाई
अब्दुल मलिक सोज़
वो अहद-ए-जवानी वो ख़राबात का आलम
अब्दुल हमीद अदम
तौबा का तकल्लुफ़ कौन करे हालात की निय्यत ठीक नहीं
अब्दुल हमीद अदम
बारिश शराब-ए-अर्श है ये सोच कर 'अदम'
अब्दुल हमीद अदम
वो अहद-ए-जवानी वो ख़राबात का आलम
अब्दुल हमीद अदम
तौबा का तकल्लुफ़ कौन करे हालात की निय्यत ठीक नहीं
अब्दुल हमीद अदम
मुंक़लिब सूरत-ए-हालात भी हो जाती है
अब्दुल हमीद अदम
क्या बात है ऐ जान-ए-सुख़न बात किए जा
अब्दुल हमीद अदम
जिस वक़्त भी मौज़ूँ सी कोई बात हुई है
अब्दुल हमीद अदम
अब दो-आलम से सदा-ए-साज़ आती है मुझे
अब्दुल हमीद अदम
बरसते थे बादल धुआँ फैलता था अजब चार जानिब
अब्दुल हमीद
उसे देख कर अपना महबूब प्यारा बहुत याद आया
अब्दुल हमीद
इस से पहले कि हमें अहल-ए-जफ़ा रुस्वा करें
अब्दुल हमीद साक़ी
अपनी हस्ती से था ख़ुद मैं बद-गुमाँ कल रात को
अब्दुल अलीम आसि
मुसाफ़िरत में शब-ए-वग़ा तक पहुँच गए हैं
अब्बास ताबिश
कोई मिलता नहीं ये बोझ उठाने के लिए
अब्बास ताबिश
दी है वहशत तो ये वहशत ही मुसलसल हो जाए
अब्बास ताबिश
हम ऐसे सर-फिरे दुनिया को कब दरकार होते हैं
अब्बास क़मर