बारिश Poetry (page 2)
प्यास दरिया की निगाहों से छुपा रक्खी है
इक़बाल अशहर
ले गईं दूर बहुत दूर हवाएँ जिस को
इक़बाल अशहर
सिलसिला ख़त्म हुआ जलने जलाने वाला
इक़बाल अशहर
रात का पिछ्ला पहर कैसी निशानी दे गया
इक़बाल अशहर
प्यास के बेदार होने का कोई रस्ता न था
इक़बाल अशहर
प्यास दरिया की निगाहों से छुपा रक्खी है
इक़बाल अशहर
कहीं शबनम कहीं ख़ुशबू कहीं ताज़ा कली रखना
इन्तिज़ार ग़ाज़ीपुरी
दिल भी पत्थर सीना पत्थर आँख पे पट्टी रक्खी है
इन्तिज़ार ग़ाज़ीपुरी
ये नहीं बर्क़ इक फ़रंगी है
इंशा अल्लाह ख़ान
मुझे क्यूँ न आवे साक़ी नज़र आफ़्ताब उल्टा
इंशा अल्लाह ख़ान
जाड़े में क्या मज़ा हो वो तो सिमट रहे हों
इंशा अल्लाह ख़ान
राज़ी-नामा
इंजील सहीफ़ा
दिसम्बर आ गया है
इंजील सहीफ़ा
अन-छूई कथा
इंजील सहीफ़ा
मोहब्बत में आया है तन्हा अभी रंग
इन्दिरा वर्मा
दिल से दिल का रिश्ता होगा
इंद्र सराज़ी
नहीं मालूम ये क्या कर चुके हैं
इनाम नदीम
फिर आस-पास से दिल हो चला है मेरा उदास
इम्तियाज़ अली अर्शी
ठहर के देख तू इस ख़ाक से क्या क्या निकल आया
इमरान शमशाद
जल कर जिस ने जल को देखा
इमरान शमशाद
वो शाम ढले तेरा मिलना वो तेरा हँसाना याद नहीं
इमरान साग़र
मैं गिला तुम से करूँ ऐ यार किस किस बात का
इमदाद अली बहर
हम-ज़ाद है ग़म अपना शादाँ किसे कहते हैं
इमदाद अली बहर
आरास्तगी बड़ी जिला है
इमदाद अली बहर
मिरा सीना है मशरिक़ आफ़्ताब-ए-दाग़-ए-हिज्राँ का
इमाम बख़्श नासिख़
मौसम सूखा सूखा सा था लेकिन ये क्या बात हुई
इमाम अाज़म
मौसम सूखा सूखा सा था लेकिन ये क्या बात हुई
इमाम अाज़म
गर्द-ओ-ग़ुबार धूप के आँचल पे छा गए
इमाम अाज़म
वक़्त वक़्त की बात है या दस्तूर है दुनिया का साईं
इलियास इश्क़ी
आज की शाम गुज़ारेंगे हम छतरी में
इलियास बाबर आवान