मिलन की साअ'त को इस तरह से अमर किया है

मिलन की साअ'त को इस तरह से अमर किया है

तुम्हारी यादों के साथ तन्हा सफ़र किया है

सुना है उस रुत को देख कर तुम भी रो पड़े थे

सुना है बारिश ने पत्थरों पर असर किया है

सलीब का बार भी उठाओ तमाम जीवन

ये लब-कुशाई का जुर्म तुम ने अगर किया है

तुम्हें ख़बर थी हक़ीक़तें तल्ख़ हैं जभी तो!

तुम्हारी आँखों ने ख़्वाब को मो'तबर किया है

घुटन बढ़ी है तो फिर उसी को सदाएँ दी हैं

कि जिस हवा ने हर इक शजर बे-समर किया है

है तेरे अंदर बसी हुई एक और दुनिया

मगर कभी तू ने इतना लम्बा सफ़र किया है

मिरे ही दम से तो रौनक़ें तेरे शहर में थीं

मिरे ही क़दमों ने दश्त को रह-गुज़र किया है

तुझे ख़बर क्या मिरे लबों की ख़मोशियों ने!

तिरे फ़साने को किस क़दर मुख़्तसर किया है

बहुत सी आँखों में तीरगी घर बना चुकी है

बहुत सी आँखों ने इंतिज़ार-ए-सहर किया है

(1553) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Milan Ki Saat Ko Is Tarah Se Amar Kiya Hai In Hindi By Famous Poet Aanis Moin. Milan Ki Saat Ko Is Tarah Se Amar Kiya Hai is written by Aanis Moin. Complete Poem Milan Ki Saat Ko Is Tarah Se Amar Kiya Hai in Hindi by Aanis Moin. Download free Milan Ki Saat Ko Is Tarah Se Amar Kiya Hai Poem for Youth in PDF. Milan Ki Saat Ko Is Tarah Se Amar Kiya Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Milan Ki Saat Ko Is Tarah Se Amar Kiya Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.