वो एक शख़्स ब-अंदाज़-ए-महरमाना मिला

वो एक शख़्स ब-अंदाज़-ए-महरमाना मिला

मिला वो जब भी हमें ज़ात से जुदा न मिला

हमें भी अपनी जबीं को झुकाना आता था

मगर तलाश थी जिस की वो नक़्श-ए-पा न मिला

किसी के हुस्न का मज़मून हम रक़म करते

सो हस्ब-ए-हाल हमें ऐसा क़ाफ़िया न मिला

वज़ाहतें तो मोहब्बत में हम भी करते मगर

किताब-ए-दिल का हमें कोई हाशिया न मिला

उसे जफ़ा का जफ़ा से जवाब क्या देते

हमें मिज़ाज मिला भी तो दोस्ताना मिला

न था सरिश्त में आह-ओ-फ़ुग़ाँ का रंग कोई

इसी लिए तो हमें नाला-ए-रसा न मिला

अगर मिले तो उसे हाल-ए-दिल ही कह देना

फिर उस के बा'द वो तुम से मिला मिला न मिला

मिसाल-ए-मौज-ए-रवाँ सब गुज़रते जाते हैं

इसी लिए तो हमें कोई नाख़ुदा न मिला

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In Hindi By Famous Poet Nabeel Ahmad Nabeel. is written by Nabeel Ahmad Nabeel. Complete Poem in Hindi by Nabeel Ahmad Nabeel. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.